देश की खबरें | विश्वविद्यालयों को समाज के लिए प्रासंगिक बने रहना चाहिए, उत्थान में योगदान देना चाहिए : कोविंद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को यहां कहा कि विश्वविद्यालयों को समाज और राष्ट्र के लिए प्रासंगिक बने रहना चाहिए और उत्थान में योगदान देना चाहिए।

पुणे, 13 अप्रैल पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को यहां कहा कि विश्वविद्यालयों को समाज और राष्ट्र के लिए प्रासंगिक बने रहना चाहिए और उत्थान में योगदान देना चाहिए।

कोविंद ने पिंपरी में डॉ डी वाई पाटिल विद्यापीठ के 15 वें दीक्षांत समारोह में यह बात कही।

इस कार्यक्रम में इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ एस और सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर एस बी मजूमदार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उन्होंने कहा, "हमारे विश्वविद्यालयों को समाज और राष्ट्र के लिए हमेशा प्रासंगिक बने रहना चाहिए। उन्हें समाज के उत्थान में योगदान देना चाहिए। हमें खुद को राष्ट्रीय मिशन और चुनौतियों के साथ जोड़ना चाहिए।"

कोविंद ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, 2047 में विकासशील भारत और अन्य पहल जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो भारत को उन्नत देशों की श्रेणी में पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि नवाचार आज की दुनिया में सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति दुनिया भर में फैल रही है और प्रौद्योगिकी जीवन के हर पहलू को पूरी तरह से बदल रही है।

कोविंद ने कहा, ‘‘इस तेजी से बदलते परिदृश्य में, हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के परिवर्तनकारी प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकते। शिक्षकों और छात्रों को सशक्त बनाने के लिए तकनीकी उन्नति के साधनों को अपनाएं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी शिक्षा प्रणाली भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए गतिशील बनी रहे।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\