देश की खबरें | आंधी, बारिश से उत्तराखंड के धधकते जंगलों को मिली राहत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को आई आंधी और बारिश के कारण पिछले कई दिनों से प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए जूझ रहे राज्य के वन विभाग को काफी राहत मिली ।
देहरादून, सात अप्रैल उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को आई आंधी और बारिश के कारण पिछले कई दिनों से प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए जूझ रहे राज्य के वन विभाग को काफी राहत मिली ।
प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक (वनाग्नि और आपदा नियंत्रण) मान सिंह ने इस संबंध में माना कि आंधी और बारिश से प्रदेश के जंगलों में आग काफी हद तक बुझ गयी है और वनाग्नि की नई घटनाओं में भी कमी आई है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वनाग्नि की स्थिति में बहुत सुधार आया है खासकर गढ़वाल क्षेत्र के वनों में ज्यादातर जगह आग आंधी और बारिश से बुझ गयी जबकि कुमांउ क्षेत्र में बारिश कम होने के कारण अभी कुछ जगह आग लगी हुई है जिसे बुझाने के लिए फील्ड स्टॉफ मुस्तैदी से जुटा हुआ है ।
उधर, आग बुझाने के लिए केंद्र से मिले दोनों हैलीकॉप्टर बुधवार को मौसम खराब होने के चलते उडान नहीं भर सके जबकि आंधी और बारिश के कारण उनकी जरूरत भी समाप्त हो गयी और उन्हें वापस भेज दिया गया ।
प्रदेश में धधक रहे जंगलों की आग बुझाने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सहायता की गुहार लगायी थी जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना के दो एमआई—17 हैलीकॉप्टर प्रदेश को उपलब्ध कराए थे जो पिछले दो दिनों से जंगलों में पानी का छिड़काव कर रहे थे ।
सिंह ने बताया कि वनाग्नि वाले क्षेत्रों में बुधवार से वरिष्ठ वन अधिकारियों के सघन दौरे भी शुरू हो गए हैं जो मौके पर पहुंचकर फील्ड स्टाफ के कार्यों की निगरानी करेंगे ।
इस बीच, वन विभाग द्वारा जारी वनाग्नि बुलेटिन् के अनुसार, पिछले 12 घंटे में वनाग्नि की कुल 75 नई घटनाएं दर्ज की गयीं जिनमें 93.02 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया । केवल अप्रैल माह के प्रथम सात दिनों में वनाग्नि की 557 घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें 814.72 हेक्टेयर जंगल राख हो चुका है । इससे प्रदेश में करीब 17.06 लाख रू की आर्थिक क्षति हो चुकी है ।
नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल जिले वनाग्नि से अधिक प्रभावित है जिसे काबू करने के लिए 12 हजार वन कर्मी लगे हुए हैं जबकि 1300 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं।
उत्तराखंड में इस वर्ष जाडों में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण गर्मी शुरू होते ही वनों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से बढोत्तरी हुई ।
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