देश की खबरें | महाराष्ट्र, केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने का कारण वायरस के दो नए स्वरूप नहीं : सरकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र और केरल में सार्स-सीओवी-2 के दो नए स्वरूप – एन440के और ई484के- मिले हैं लेकिन फिलहाल यह मानने का कोई कारण नहीं है कि इन दोनों राज्यों के कुछ जिलों में मामलों में बढ़ोतरी के लिये ये दोनों स्वरूप जिम्मेदार हैं।

नयी दिल्ली, 23 फरवरी केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र और केरल में सार्स-सीओवी-2 के दो नए स्वरूप – एन440के और ई484के- मिले हैं लेकिन फिलहाल यह मानने का कोई कारण नहीं है कि इन दोनों राज्यों के कुछ जिलों में मामलों में बढ़ोतरी के लिये ये दोनों स्वरूप जिम्मेदार हैं।

वायरस के इन दोनों स्वरूपों में से एक तेलंगाना में भी मिला है।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि देश में अब तक सार्स-सीओवी-2 के ब्रिटिश स्वरूप से 187 लोग संक्रमित पाए गए हैं वायरस के जबकि दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप से छह लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा वायरस के ब्राजीली स्वरूप से भी एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया है।

पॉल ने कहा, “महाराष्ट्र में सार्स-सीओवी-2 के एन440के और ई484के , दोनों स्वरूप मिले हैं। केरल और तेलंगाना में भी यह स्वरूप मिले हैं। इसके अलावा तीन अन्य स्वरूप – ब्रिटिश, दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीली- पहले से ही देश में मौजूद हैं। लेकिन वैज्ञानिक सूचना के आधार पर हमारे लिए यह मानने का कोई कारण नहीं है कि महाराष्ट्र और केरल के कुछ जिलों में संक्रमण के मामलों में तेजी के लिये यह जिम्मेदार हैं।”

पॉल ने कहा कि महज इन स्वरूपों का पता चलने से जमीनी स्तर पर उस धारणा की पुष्टि नहीं होती क्योंकि वायरस के स्वरूप के आने से बीमारी की प्रवृत्ति में बदलाव को समझने के लिये महामारी संबंधी अन्य जानकारियों व नैदानिक जानकारियों को इन स्वरूपों से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा, “क्योंकि वैसे तो ये (स्वरूप) होते हैं लेकिन इनका महामारी पर कोई प्रभाव नहीं होता।”

उन्होंने कहा कि देश में इन स्वरूपों पर लगातार करीबी नजर रखी जा रही है और अब तक 3500 से ज्यादा स्वरूपों के अनुक्रम तैयार किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा, “जब हम अनुक्रम करते हैं तो हम विषाणु के चरित्र में किसी असामान्य बदलाव को देखते हैं। हम इन स्वरूपों पर नजर रख रहे हैं।”

पॉल ने कहा, “आज, मौजूदा जानकारी और जैसा कि बेहद प्रमुख वैज्ञानिक परामर्श समूह भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) द्वारा विश्लेषण किया गया और समझा गया, हम इस तथ्य को रेखांकित करना चाहेंगे कि कुछ जिलों में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिये हम इन स्वरूपों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहेंगे। लेकिन यह काम प्रगति पर है और हम पूरी जिम्मेदारी के साथ स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे।”

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