कोलकाता, एक जुलाई पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हमला तेज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उसे इस बात पर आश्चर्य है कि उसके द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाये जाने के बाद राज्यपाल दो दिनों तक क्यों चुप हैं।
दूसरी तरफ, विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस बिना किसी सबूत के राज्यपाल के विरूद्ध आरोप लगा रही है क्योंकि वह उन्हें बर्दाश्त नहीं करती है।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के उपनेता सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि राज्यपाल ने अबतक यह स्पष्ट नहीं किया कि ‘हवाला डायरी’ के पृष्ठ संख्या तीन पर कथित रूप से लिखा गया ‘ जगदीप धनखड़’ उनका ही नाम है या नहीं।
राय ने कहा कि धनखड़ ने तृणमूल सांसद मोहुआ मोइत्रा के इस ट्वीट का भी अबतक जवाब नहीं दिया है कि वह ‘‘अवैध आवासीय भूखंड आवंटन के लाभार्थी हैं’’ जिसे 1997 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
दोनों ही आरोप मंगलवार को लगाये गये थे । राय ने हवाला डायरी के कथित पन्ने की प्रति दिखायी जबकि मोईत्रा ने अपने ट्वीट में उच्च न्यायालय के आदेश को अनुलग्न किया।
राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जो व्यक्ति सुबह से रात तक ट्वीट करता रहता है, उसने अबतक आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। इस चुप्पी की वजह क्या है?’’
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य ने यह आरोप भी लगाया कि संदिग्ध कोविड-19 टीकाकरण शिविर मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किये गये देबांजन देब का राजभवन के साथ नजदीकी है।
राय ने संवाददाता सम्मेलन में राजभवन में धनखड़ की उपस्थिति में हुए के एक कार्यक्रम में देब के निजी सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी की तस्वीरें साझा कीं और इस मामले की जांच की मांग की।
राय ने कहा, ‘‘ जब हमारी माननीय मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल का नाम हवाला मामले में है तब उन्होंने (राज्यपाल ने) अर्धसत्य परोसा। लेकिन जब हमने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि हवाला डायरी में जगदीप धनखड़ नामक एक व्यक्ति का नाम है तब वह चुप्प हो गये। ’’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया था कि धनखड़ जैन हवाला मामले में शामिल थे तब राज्यापाल ने उसका खंडन करते हुए बनर्जी पर झूठ एवं दुष्प्रचार फैलान का आरोप लगाया था।
नब्बे के दशक के मध्य में सामने आये जैन हवाला घोटाले मामले में 65 करोड़ रूपये के कथित हवाला भुगतान का आरोप लगा था और उसमें कुछ नेताओं के आंशिक नाम थे लेकिन सीबीआई इन व्यक्तियों के विरूद्ध हवाला भुगतान साबित नहीं कर पायी।
राय ने कहा, ‘‘ किसी भी व्यक्ति को राज्यपाल बनाने से पूर्व केंद्र को उसकी पृष्ठभूमि जांच कर लेनी चाहिए। हम समझते हैं कि किसी को इस पद पद पर नियुक्त करने से पहले केंद्र को राज्य सरकार के साथ मशविरा करना चाहिए। हम संसद के दोनों सदनों में राज्यपाल को हटाने की मांग करेंगे।’’ मुख्यमंत्री पहले ही ऐसी मांग कर चुकी हैं।
राज्य में चुनाव बाद हिंसा के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा गठित समिति के दौरे के बारे में सवाल पूछे जाने पर राय ने कहा, ‘‘ एनएचआरसी त्रिपुरा में भाजपा के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले का लेकर चुप क्यों है?’’
आयोग की समिति ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य का दौरा किया। राय ने कहा, ‘‘ क्यों अमित शाह त्रिपुरा में महिलाओं पर हुए हमले पर चुप हैं? क्या मानवाधिकार केवल गैर भाजपा शासित राज्यों पर लागू होता है? ..’’
राज्यपाल के विरूद्ध आरोपों पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस के नेता बिना किसी सबूत के राज्यपाल पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वह उन्हें बर्दाश्त नहीं हैं। ’’
उन्होंने दावा किया कि टीकाकरण घोटाले से तृणमूल और भ्रष्ट तत्वों के बीच साठगांठ सामने आ गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘ स्थिति से बाहर आने की बदहवासी में तृणमूल नेता उन लोगों के विरूद्ध सभी बदनामी अभियान चला रहे हैं जो तृणमूल के कुकृत्यों के विरूद्ध आवाज उठाते हैं।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)