देश की खबरें | हिंसा प्रभावित मणिपुर में संकट का सामना कर रहे आदिवासी, उनकी तकलीफें सुनने वाला कोई नहीं: ममता

झारग्राम (पश्चिम बंगाल), नौ अगस्त पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में आदिवासी संकट का सामना कर रहे हैं और उनकी तकलीफें सुनने वाला कोई नहीं है।

झारग्राम के तीन दिवसीय प्रशासनिक दौरे पर पहुंचीं बनर्जी ने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति से निपटने में असफल रहने को लेकर भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और दुनिया भर के लोगों से उनके (मणिपुर के लोगों के) लिए प्रार्थना करने को कहा।

‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को देश छोड़ देना चाहिए।

बनर्जी ने कहा, ‘‘मणिपुर में आदिवासी संकट का सामना कर रहे हैं। उनकी तकलीफें सुनने वाला कोई नहीं है। भारत में दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है, और केन्द्र को कोई फर्क नहीं पड़ता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसे (भाजपा को) सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है क्योंकि उन्होंने दलितों को प्रताड़ित किया है। मुठभेड़ों में लोगों को मारा जा रहा है। वे योजनाबद्ध सांप्रदायिक दंगों के जरिये देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं।’’

वह अंतरराष्ट्रीय विश्व मूल निवासी दिवस पर झारग्राम में एक प्रशासनिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अंग्रेजों से भारत छोड़ने को कहा था। आज, हम चाहते हैं कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार दिल्ली छोड़ दे। भारत छोड़ो दिवस पर, हम भाजपा से भारत छुड़वाने का संकल्प लेते हैं।’’

बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो’ नारे का इस्तेमाल करने और विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ पर निशाना साधे जाने का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि ‘भारत छोड़ो’। हमें (भारत) छोड़ने की जरूरत नहीं है। हम इस देश के रहने वाले हैं। मैं इस देश की हूं। उन लोगों ने गांधी जी को भुला दिया है। स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया था।’’

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वह (2019 के लोकसभा) चुनाव से पहले किये गये वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर कहा, ‘‘अचानक उन्होंने (भाजपा ने) यूसीसी लाने की जरूरत के बारे में बात करना शुरू कर दिया है। शादी करते समय, किसी को उनके बनाये नियमों का पालन क्यों करना चाहिए? कोई भी व्यक्ति हम पर कुछ भी थोप नहीं सकता। हम यूसीसी स्वीकार नहीं करेंगे।’’

बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा एक गैर-शिक्षाविद को एक विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किए जाने का संदर्भ देते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘राज्यपाल का पद संवैधानिक है और इसकी संवैधानिक सीमाएं हैं।’’

केन्द्र पर राज्य के हिस्से का धन जारी नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘‘हम केन्द्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज किए जाने के खिलाफ लड़ेंगे।’’

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