देश की खबरें | किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहने से यातायात जाम

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। इससे राष्ट्रीय राजधानी की ओर आने वाले अहम मार्गों पर लंबा यातायात जाम लग गया।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। इससे राष्ट्रीय राजधानी की ओर आने वाले अहम मार्गों पर लंबा यातायात जाम लग गया।

सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।

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किसानों ने शुक्रवार को आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया था और चेताया था कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे तथा राष्ट्रीय राजधानी की ओर लाने वाली और सड़कों को अवरूद्ध कर देंगे।

दिल्ली पुलिस ने सिंघू, लामपुर, औचंदी, साफियाबाद, प्याऊ मनियारी और साबोली बॉर्डर बंद होने की जानकारी यात्रियों को ट्विटर के माध्यम से दी। उसने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 दोनों तरफ से बंद था।

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पुलिस ने यात्रियों को राष्ट्रीय राजमार्ग -8, भोपुरा, अप्सरा बॉर्डर और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जैसे वैकल्पिक मार्ग लेने का सुझाव दिया।

दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर टेंटों को ट्रैक्टरों से लगाया गया है और लोग सब्जियां काटने में व्यस्त हैं, मोबाइल चार्ज करने के लिए सौर पैनल लगाए गए हैं , चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं तथा बुजुर्ग वहां आराम कर रहे हैं और हुक्का पी रहे हैं।

पंजाब के मंसा जिले से आए 50 वर्षीय गुरूनाम सिंह ने कहा, "यह लंबी लड़ाई है और निकट भविष्य में यह हमारा घर होगा। हम यहां ठहरने आए हैं।"

उन्होंने कहा, "हमारे पास यहां हर चीज है। हमारे पास कम से कम छह महीने तक का पर्याप्त सामान है।"

नौ दिन पहले दिल्ली आने के बाद से ही, ये किसान करीब पांच हजार लोगों को खिलाने के लिए रोजाना "लंगर" बना रहे हैं।

प्रदर्शन स्थल पर कई सौर पैनल लगाए गए हैं ताकि किसान अपने फोन चार्ज कर सकें। वहीं कई स्थानीय समूह उन्हें पानी, साबून और मेवे और उपलब्ध करा रहे हैं। टिकरी बॉर्डर पर शौचालय बनाए गए हैं।

प्रदर्शन को मिलते समर्थन पर किसानों ने कहा कि लोगों ने उनके लिए सिर्फ अपने घरों के दरवाजे ही नहीं खोले हैं बल्कि दिल भी खोल दिए हैं।

सिंघू बॉर्डर पर हरियाणा में सिरसा जिले के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले दो डॉक्टर बंधु प्रदर्शन कर रहे किसानों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।

चिकित्सक बंधुओं सुखविंदर सिंह बराड़ एवं रमनजीत सिंह बराड़ ने अपने चिकित्सक मित्रों की मदद से सिंघू बॉर्डर पर एक चिकित्सा शिविर स्थापित किया है। दोनों भाई चंडीगढ़ में प्रैक्टिस करते हैं।

सुखविंदर ने बताया, ‘‘हम लोग हर दिन करीब 1500 लोगों का इलाज कर रहे हैं।’’

दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने के लिए ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी राष्ट्रीय राजर्माग-8, बिसवासन/बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेरा बॉर्डर के रास्ते खुले हुए हैं।

पुलिस ने ट्विटर पर बताया कि बदुसराय बॉर्डर सिर्फ कार और दो पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिये खुला है। झटिकारा बॉर्डर सिर्फ दो पहिया वाहनों के लिये खुला है।

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, “मुकरबा और जीटीके मार्ग से यातायात को डायवर्ट किया गया है। बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड, एनएच-44 पर जाने से बचें।”

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