नयी दिल्ली, 6 जनवरी व्हिस्की ब्रांड के ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन पर जारी कानूनी लड़ाई के दौरान उच्चतम न्यायालय में उस समय एक असामान्य नजारा देखने को मिला, जब देश की शीर्ष अदालत के सामने शराब की बोतलें रखी गईं. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के गत नवंबर के फैसले के खिलाफ शराब निर्माता कंपनी ‘पेरनोड रिकर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कंपनी ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ और ‘इंपीरियल ब्लू’ व्हिस्की का उत्पादन और बिक्री करती है.
पेरनोड रिकर्ड ने इंदौर की एक अदालत द्वारा पारित उस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने कथित ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में अन्य कंपनी के खिलाफ अस्थायी रोक जारी करने के आवेदन को खारिज कर दिया था. कंपनी ने एक अन्य कंपनी पर अपने ट्रेडमार्क के उपयोग का आरोप लगाया था. पेरनोड रिकर्ड ने आरोप लगाया है कि जेके एंटरप्राइजेज ने उनके ट्रेडमार्क की नकल की है और ट्रेडमार्क ‘लंदन प्राइड’ के तहत अपनी व्हिस्की का निर्माण और बिक्री कर रही है. यह भी पढ़े: COVID-19 India: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 774 नये मामले, 2 लोगों की मौत
उच्च न्यायालय ने पेरनोड रिकर्ड की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि निचली अदालत ने यह मानने में कोई गलती नहीं की है कि जेके एंटरप्राइजेज के ट्रेडमार्क में याचिकाकर्ता कंपनी के ट्रेडमार्क से कोई समानता नहीं पाई गई. यह मामला शीर्ष अदालत के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई के लिए आया. सुनवाई के दौरान पेरनोड रिकर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ को व्हिस्की की बोतलें दिखाईं. उन्होंने पीठ को बताया कि बोतल भी एक जैसी है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि रोक लगाने के अनुरोध पर नोटिस जारी किया जाए. मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी के लिए सूचीबद्ध की गई.
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