देश की खबरें | प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में हजारों लोगों ने इंडिया गेट तक मार्च किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने मंगलवार को फैसला किया कि 28 मई को नये संसद भवन के बाहर निर्धारित महापंचायत का नेतृत्व महिलाओं और युवाओं के द्वारा किया जायेगा और प्रदर्शन को लेकर आगे की कार्रवाई के बारे में कोई भी बड़ा फैसला वही लेंगे।

नयी दिल्ली, 23 मई भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने मंगलवार को फैसला किया कि 28 मई को नये संसद भवन के बाहर निर्धारित महापंचायत का नेतृत्व महिलाओं और युवाओं के द्वारा किया जायेगा और प्रदर्शन को लेकर आगे की कार्रवाई के बारे में कोई भी बड़ा फैसला वही लेंगे।

इस बीच पहलवानों के हजारों समर्थकों ने भारी सुरक्षा के बीच जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक मार्च किया। इस दौरान वे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

इस मार्च में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई और प्रदर्शनकारी पहलवान थे।

पहलवानों ने बृजभूषण एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

पहलवानों और उनके समर्थकों ने अत्यधिक गर्मी और देर शाम धूल भरी आंधी का सामना करते हुए बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण ढंग से इंडिया गेट की ओर मार्च किया।

इस दौरान लोगों के हाथों में तिरंगे थे और मार्च में शामिल लोगों ने बृजभूषण के लिए सख्त सजा की मांग की।

विनेश, बजरंग और साक्षी ने इंडिया गेट के पास पुलिस के एक बैरिकेड पर चढ़ कर लोगों को संबोधित किया।

विनेश ने इस दौरान कहा, ‘‘ पिछले एक महीने से हम विरोध (सरकार द्वारा बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए) कर रहे हैं और यह शर्म की बात है कि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। आज, हमने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला और हमें पता चला है कि देश के कई हिस्सों में ऐसी मार्च निकाली गयी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ खाप पंचायत ने निर्णय लिया है कि 28 मई को नये संसद भवन के पास महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में महापंचायत की जाएगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि यह महिलाओं की अखंडता और सम्मान की लड़ाई है। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर कोई बड़ा फैसला 28 मई के बाद लिया जायेगा।’’

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