देश की खबरें | किसानों को आंदोलनजीवी कहने वालों की पोल खुली: गहलोत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र सरकार द्वारा विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा को आंदोलनकारी किसानों के धैर्य व संघर्ष की जीत करार देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि किसानों को ‘आंदोलनजीवी’ कहने वालों की पोल खुल गई है।
जयपुर, 20 अक्टूबर केंद्र सरकार द्वारा विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा को आंदोलनकारी किसानों के धैर्य व संघर्ष की जीत करार देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि किसानों को ‘आंदोलनजीवी’ कहने वालों की पोल खुल गई है।
गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश व पंजाब सहित अन्य राज्यों में भाजपा की हालत खराब है और उसने घबराकर ही यह फैसला किया है।
केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले के उपलक्ष्य में कांग्रेस द्वारा यहां आयोजित 'किसान विजय दिवस' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘यह वास्तव में ऐतिहासिक क्षण है। देश के इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा कि किस प्रकार एक (केंद्र) सरकार ऐसी भी आई जिसके प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी पड़ी।’’
आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा की गई कथित टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘इनके 15—20 लोगों ने इन (आंदोलनरत किसानों) पर कटाक्ष किए... ये खालिस्तानी हैं, असामाजिक तत्व हैं, किसान हैं ही नहीं, नक्सलवादी घुस गए हैं इनमें ...। पता नहीं क्या क्या बातें बोलीं इनके बारे में। वो बातें पूरे देश के अन्नदाताओं को कितनी चुभी होंगी कोई कल्पना नहीं कर सकता।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कल जिन शब्दों में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से माफी मांगी... ये नौबत क्यों आई? प्रधानमंत्री ने संसद में इनका मजाक उड़ाने के लिए जो शब्द काम में लिए... आंदोलनजीवी के रूप में, तब सत्तापक्ष के सांसद हंसी मजाक कर रहे थे और कल उन सबकी पोल खुल गई।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में चुनाव आ रहे हैं, पांच राज्यों में चुनाव आ रहे हैं ... केंद्र सरकार घबराई हुई है। पांचों राज्यों में इनकी स्थिति क्या रहेगी, यह तो समय बताएगा क्योंकि पिछली बार भी धोखे से सरकार बनाई थी इन लोगों ने।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बार बार मैं कहता हूं कि राजग सरकार के शासनकाल में देश में इतना खतरनाक माहौल बन गया है। लोकतंत्र खतरे में, संविधान खतरे में है। फासीवादी प्रवृत्ति के लोग सत्ता में बैठ गए हैं, उनका लोकतंत्र में यकीन नहीं है। अगर यकीन होता तो एक साल तक किसान सड़कों पर नहीं बैठा रहता।’’
वहीं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस लेने की तो घोषणा कर दी है लेकिन उन्हें सरकार की मंशा पर संदेह है। माकन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सरकार की मंशा पर मुझे अब भी संदेह है क्योंकि सरकार ने अभी सिर्फ घोषणा की है। यह केवल किसानों को खुश करने के लिए नहीं है। उसने यह फैसला उत्तर प्रदेश व पंजाब में आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया है।’’
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