मुंबई, 11 अप्रैल मुंबई की एक अदालत ने हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे और बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के 2007 के चुम्बन विवाद में कहा है कि सड़क पर या सार्वजनिक परिवहन में छेड़खानी की शिकार हो रही किसी महिला को ऐसी घटनाओं में उसकी संलिप्तता नहीं कहा जा सकता और कार्रवाई करने में विफल रहने पर उसके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस सी जाधव ने बॉलीवुड अभिनेता शेट्टी को मामले में आरोपमुक्त करने के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘वर्तमान मामले में, प्रतिवादी (शेट्टी) ने अपनी ओर से कोई चुम्बन नहीं किया था, बल्कि उनका चुम्बन लिया गया था। अदालत ने कहा कि शिल्पा की ओर से अश्लीलता के प्रमाण नहीं हैं।
विस्तृत आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
वर्ष 2007 में, गेरे ने शेट्टी के गालों पर उस वक्त चूम लिया था, जब वे राजस्थान में एक एड्स जागरूकता कार्यक्रम के लिए एक मंच पर आए थे।
अभियोजन पक्ष ने कहा था कि आरोपी (शेट्टी) के खिलाफ आईपीसी की धारा 292 के तहत अश्लीलता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत थे। इसके साथ ही अभियोजन पक्ष ने मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने की प्रार्थना की थी।
हालांकि, शिल्पा शेट्टी की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत पाटिल ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत का आदेश ‘उचित और वैध’ था।
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