देश की खबरें | विधानसभा में अब कैग रिपोर्ट पेश करने का कोई फायदा नहीं : विधानसभा सचिवालय ने अदालत से कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि फरवरी में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर नगर प्रशासन पर कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

नयी दिल्ली, नौ जनवरी दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि फरवरी में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर नगर प्रशासन पर कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने सात भाजपा विधायकों की ओर से विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट पेश करने के मुद्दे पर दायर याचिका पर उच्च न्यायालय में दाखिल जवाब में यह बात कही है।

जवाब में कहा गया, “वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल फरवरी, 2025 में समाप्त हो रहा है और विधानसभा का अंतिम सत्र चार दिसंबर, 2024 को आयोजित किया गया था, जिसका अर्थ है कि रिट याचिका में उद्धृत भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले पीएसी द्वारा समीक्षा और जांच नहीं की जाएगी।”

इसमें कहा गया, “यदि उक्त रिपोर्ट इस समय सदन के समक्ष रखी जाती हैं तो कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि इन रिपोर्टों की गहन और विस्तृत जांच केवल अगली विधानसभा द्वारा निर्वाचित होने वाली पीएसी द्वारा ही की जा सकेगी, जिसका गठन चुनावों के बाद किया जाएगा।”

सचिवालय ने कहा कि संविधान के तहत सदन का संरक्षक होने के नाते, विधानसभा की बैठक बुलाने का अध्यक्ष का विवेकाधिकार इसकी आंतरिक कार्यप्रणाली का हिस्सा है, जो किसी भी न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर है।

सचिवालय के जवाब में कहा गया है कि इन रिपोर्ट की अब विधानमंडल की उत्तराधिकारी लोक लेखा समिति (पीएसी) द्वारा कानूनी ढांचे के अनुसार जांच की जा सकती है, जिसका चयन आगामी चुनावों के बाद अगली विधानसभा द्वारा किया जाएगा।

दूसरी ओर, उपराज्यपाल ने मामले में जवाब दाखिल करते हुए दावा किया कि उच्च न्यायालय को विधानसभा अध्यक्ष को यह निर्देश देने का अधिकार है कि वह तुरंत रिपोर्ट सदन के समक्ष पेश करना सुनिश्चित करें।

उपराज्यपाल ने ऑडिट रिपोर्ट पेश करने में हुई “असाधारण देरी” की ओर इशारा किया और कहा कि दिल्ली के लोग विधानसभा में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से कैग रिपोर्ट तक पहुंच पाने के हकदार हैं।

विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन ने 2024 में याचिका दायर कर दावा किया कि एक मामले में आदेश पारित होने के बावजूद अध्यक्ष को आगे की कार्रवाई के लिए अभी तक कैग की रिपोर्ट नहीं मिली है।

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