ताजा खबरें | रास में 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर गतिरोध जारी, बैठक तीन बजे तक स्थगित

नयी दिल्ली, सात दिसंबर संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के कारण शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर राज्यसभा में गतिरोध मंगलवार को भी बरकरार रहा और उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दो बजकर करीब 10 मिनट पर अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से सहायताप्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2021 और सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2020 को चर्चा के लिए पेश करने को कहा। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने निलंबित सदस्यों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया।

खड़गे ने कहा कि अभी जब उन्हें आसन से अपनी बात रखने की अनुमति दी गयी है तो ऐसे में एक मंत्री को व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह अलोकतांत्रिक है और जब वह नियमों के अनुसार अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे हैं तो सत्ता पक्ष की ओर से कोई न कोई व्यवधान पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद उन्होंने 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा उठाने का प्रयास किया।

सदन में विपक्ष के कई सदस्य आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे और कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश अपनी सीट से आगे आकर कुछ बोलने का प्रयास कर रहे थे। इस पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए आसन का ध्यान इस ओर दिलाया कि रमेश को तब तक बोलने की अनुमति नहीं दी जाए, जब तक वह अपनी सीट पर नहीं चले जाते।

तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी व्यवस्था के प्रश्न के तहत 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। उपसभापति ने विपक्षी सदस्यों को इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि वह आज की कार्यसूची में सूचीबद्ध कार्य के अलावा अन्य मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दे सकते और सदस्य अभी पेश किए जा रहे विधेयकों के बारे में अपनी बात रख सकते हैं।

उन्होंने दोनों विधेयकों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह तय किया गया था कि दोनों विधेयकों पर एक साथ चर्चा होगी और इसके लिए तीन घंटे का समय भी तय किया गया था।

उन्होंने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों से विधेयकों पर चर्चा में भाग लेने की अपील की। लेकिन जब उनकी इस अपील का कोई असर नहीं दिखा तो उन्होंने दो बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने के केवल पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाये।

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