दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम और सांस लेने में कठिनाई वाले रोगियों की संख्या बढ़ी

दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम और सांस लेने में कठिनाई महसूस करने वाले लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं। राजधानी और आसपास वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ बनी हुई है और डॉक्टरों ने प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

नयी दिल्ली, तीन नवंबर:  दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम और सांस लेने में कठिनाई महसूस करने वाले लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं। राजधानी और आसपास वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ बनी हुई है और डॉक्टरों ने प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है. बुधवार को पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था कि तेज हवाओं के कारण राजधानी में हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, लेकिन दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 9:10 बजे 426 मापा गया।

एक्यूआई का 400 से अधिक स्तर ‘गंभीर’ की श्रेणी में आता है.

ओखला के होली फैमिली अस्पताल में ओपीडी में इस तरह के रोगों के लिए दिखाने आने वाले मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत बढ़ गयी है। डॉ सुमित राय ने यह जानकारी दी. पिछले साल अस्पताल ने अपने पर्चे में ‘प्रदूषण से संबंधित’ लिखना शुरू कर दिया था जो यहां किसी अस्पताल में पहली बार हुआ था. राय ने कहा, ‘‘हमने दो सघन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) के रोगियों के लिए यह लिखा। इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए आपको बीमारी के अन्य संभावित कारकों की संभावना को खारिज करना होता है। इस समय भर्ती रोगियों के लिहाज से पर्चे पर यह लिखने के लिए हमें कुछ दिन और लगेंगे.

इस समय रोगियों के सामने आ रही समस्याओं पर रोशनी डालते हुए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के डॉ आशीष कुमार प्रकाश ने कहा कि वे दिवाली के बाद से ऐसे मरीजों को बड़ी संख्या में आते देख रहे हैं जिन्हें खांसी, जुकाम और सांस लेने में कठिनाई हो रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय, हमारी ओपीडी में 25 से 30 रोगी हैं और पूरे विभाग में करीब 50 से 75 ऐसे मामले आते हैं. प्रकाश ने कहा कि हवा की गुणवत्ता खराब होने के साथ ही मौसम में बदलाव भी रोगियों की श्वसन संबंधी समस्या का एक प्रमुख कारण है. चिकित्सकों के अनुसार, अस्पतालों में ऐसे रोगी भी आ रहे हैं जिन्हें पहले सांस संबंधी कोई समस्या नहीं रही।

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