नई दिल्ली, 14 जून: दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने रविवार को दक्षिण दिल्ली में कोविड-19 मरीजों के लिये प्रस्तावित 10,000 बिस्तरों वाले अस्थायी अस्पताल की जगह का निरीक्षण किया. यह प्रस्तावित कोविड-19 (Covid-19) केंद्र दिल्ली-हरियाणा सीमा पर आध्यात्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के परिसर में टेंट से संचालित होगा. एक अधिकारी ने कहा कि उप-राज्यपाल, दक्षिण दिल्ली के जिलाधिकारी बी एम मिश्रा समेत अधिकारियों के एक दल के साथ वहां पहुंचे और उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया.
उन्होंने बताया कि बैजल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े आधारभूत ढांचे को और बढ़ाएगा और अधिकारियों को निर्देश दिये कि अस्थायी अस्पताल को यथाशीघ्र तैयार किया जाए. दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में जुलाई के अंत तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के पांच लाख के पार पहुंच जाने की संभावना है. ऐसे में कोविड-19 मरीजों के लिये करीब एक लाख बिस्तरों की आवश्यकता होगी.
Delhi: Lieutenant Governor Anil Baijal today inspected Radha Soami Satsang Beas campus in Chhattarpur area for setting up a facility with 10,000 beds for #COVID19 patients. pic.twitter.com/a1TJvqSaQ2
— ANI (@ANI) June 14, 2020
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शहर में सरकारी, केंद्रीय और निजी अस्पतालों के मिलाकर 9,816 बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिये समर्पित हैं जिनमें से 5,399 अभी भरे हुए हैं. दिल्ली सरकार ने उन समुदायिक भवनों और स्टेडियमों की पहचान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिन्हें अस्थायी कोविड-19 अस्पतालों में बदला जा सकता है. भाटी माइंस स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास के सचिव विकास सेठी ने कहा कि यह कोविड-19 केंद्र 1700 फुट लंबा और 700 फुट चौड़ा होगा और यहां 50-50 बिस्तरों वाले 200 क्षेत्र होंगे.
यह अस्थायी अस्पताल शहर में अब तक का ऐसा सबसे बड़ा केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि जून के अंत तक इसका काम पूरा हो जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि धातु के टेंट में बिजली और पंखे पहले से लगे हुए हैं. गर्मी को देखते हुए कूलरों की जरूरत होगी. परिसर में बनी इमारत में चिकित्साकर्मियों के रहने का इंतजाम भी किया जा सकता है. आध्यात्मिक संगठन ने दो-तीन दिन पहले अस्थायी अस्पताल बनाने के लिये परिसर के इस्तेमाल की अनुमति दी है. जिलाधिकारी बी एम मिश्रा ने कहा कि प्रशासन “किसी भी कीमत पर” जून के अंत तक काम को खत्म करना चाहता है.
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक संगठन एक बड़ी रसोई का संचालन भी करता है, जहां से एक लाख लोगों को एक समय में खाना उपलब्ध कराया जा सकता है. परिसर में पर्याप्त संख्या में शौचालय भी हैं. मिश्रा ने कहा, "परिसर में करीब 500 शौचालय है, जो 10,000 कोविड-19 मरीजों के लिये पर्याप्त हैं." जिलाधिकारी ने कहा कि 50 बिस्तरों वाले प्रत्येक क्षेत्र के लिये एक डॉक्टर, दो नर्स और एक सफाईकर्मी की जरूरत होगी.
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