विदेश की खबरें | अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने आजरबैजान और आर्मीनिया को विवाद ना बढ़ाने का दिया आदेश

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. आजरबैजान और आर्मीनिया द्वारा पिछले साल हुए युद्ध के संबंध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में दायर मामलों को लेकर यह शुरुआती आदेश दिया गया।

आजरबैजान और आर्मीनिया द्वारा पिछले साल हुए युद्ध के संबंध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में दायर मामलों को लेकर यह शुरुआती आदेश दिया गया।

अदालत को मामले के गुण-दोष तय करने में वर्षों लग सकते हैं। इन मामलों में दोनों देशों पर नस्लीय भेदभाव खत्म करने के उद्देश्य वाली एक अंतरराष्ट्रीय संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

न्यायाधीशों ने पहले आजरबैजान को युद्ध के दौरान पकड़े गए सभी कैदियों की सुरक्षा, आर्मीनियाई लोगों के खिलाफ नस्लीय घृणा को रोकने और आर्मीनिया की सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाने वालों को दंडित करने का आदेश दिया। इसके बाद अदालत ने आर्मीनिया को आजरबैजान के लोगों के खिलाफ ‘‘नस्लीय घृणा को बढ़ावा देने’’ वाले तत्वों पर अंकुश लगाने का आदेश दिया।

अदालत ने दोनों पक्षों को आदेश दिया कि उन्हें ‘‘ ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचना चाहिए, जो अदालत के समक्ष विवाद को बढ़ा सकती है या इसके समाधान को अधिक कठिन बना सकती है।’’

अलगाववादियों के क्षेत्र नागोर्नो-कारबाख को लेकर पिछले साल दोनों देशों के बीच छह सप्ताह तक युद्ध चला था, जिसमें लगभग 6,600 लोगों की मौत हुई थी।

आर्मीनिया और आजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से तनातनी चल रही है। यह क्षेत्र आजरबैजान में स्थित है, लेकिन 1994 में हुए एक युद्ध के बाद से यह आर्मीनिया द्वारा समर्थित आर्मीनियाई जातीय बलों के नियंत्रण में है।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय अंतिम और कानूनी रूप से बाध्यकारी होता है।

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