COVID-19: अमेरिका और रूस से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप शुक्रवार तक पहुंचने की संभावना

अमेरिका और रूस से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप अगले दो दिनों में भारत पहुंच जाने की उम्मीद है और विदेशों में भारतीय मिशनों से कहा गया है कि वे ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों व रेमडेसिविर जैसी अहम दवाइयों की खरीद पर तवज्जो दें.

कोरोना वैक्सीन (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल : अमेरिका और रूस (America and Russia) से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप अगले दो दिनों में भारत पहुंच जाने की उम्मीद है और विदेशों में भारतीय मिशनों से कहा गया है कि वे ऑक्सीजन (Oxygen) संबंधी उपकरणों व रेमडेसिविर (Ramdesvir) जैसी अहम दवाइयों की खरीद पर तवज्जो दें. सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत ने अमेरिका से मेडिकल आपूर्ति मांगी है जिनमें टीके की तैयार खुराकों के साथ-साथ कोविड-19 रोधी टीके के उत्पादन के लिए कच्चा माल शामिल है. उन्होंने बताया कि मेडिकल आपूर्ति लेकर एक अमेरिकी विमान के शुक्रवार को यहां पहुंचने की संभावना है जबकि रूसी विमान के बृहस्पतिवार रात तक पहुंचने की उम्मीद है.

बड़ी संख्या में देश भारत को मेडिकल सहायता भेजने के लिए कदम उठा रहे हैं जबकि सूत्रों ने बताया कि मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील नहीं की गई है और आपूर्ति मुख्यत: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (Indian Red Cross Society) के जरिए हो रही है. सूत्रों ने बताया कि भारत ऑक्सीजन संबंधी चीजों एवं अहम दवाइयों को लेकर दूसरों देशों से उम्मीद लगाये हुए है और वह प्रमुख देशों में भारतीय मिशनों को उनकी खरीद पर अपना प्रयास केंद्रित करने को कह चुका है. उन्होंने कहा कि विदेशी खरीद की पूरी तवज्जो ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र, ऑक्सीजन सांद्रक और छोटे और बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों पर है, क्योंकि भारत विभिन्न संयंत्रों से ऑक्सीजन को अस्पतालों में पहुंचाने में परेशानी का सामना कर रहा है. यह भी पढ़ें : CoWIN Crash से संबंधित खबरों का भारत सरकार ने किया खंडन, बताया- शाम 4-7 के बीच 80 लाख से ज्यादा लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

भारत अमेरिका और अन्य देशों से रेमडेसिविर, टोसिलिज़ुमैब और फेवीपिरवीर जैसी अहम दवाओं की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए चीन द्वारा भारत की मदद की पेशकश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है और चीन से वाणिज्यिक खरीद पर कोई रोक नहीं है. पाकिस्तान के मामले में भी अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों से मेडिकल उपकरणों की व्यावसायिक खरीद कर रहा है. अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरीशस सहित कई प्रमुख देशों ने भारत को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए मेडिकल सहायता की घोषणा की है.

सिंगापुर ने मंगलवार को भारत को 256 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की. नॉर्वे सरकार ने भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मेडिकल सेवा के लिए 24 लाख अमेरिकी डॉलर के योगदान का ऐलान किया. स्विटज़रलैंड ने बुधवार को कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न "चुनौतीपूर्ण समय" से निपटने में मदद करने के लिए भारत को ऑक्सीजन सांद्रक, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण भेज रहा है. इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सांद्रक और अन्य सामान भेजने की घोषणा की है.

Share Now

\