देश की खबरें | अन्नाद्रमुक में फिर उठी ‘एकल’ नेतृत्व की मांग
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तमिलनाडु में एक लंबे अंतराल के बाद मंगलवार को मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक में पार्टी का नेतृत्व किसी एक नेता को सौंपे जाने की मांग दोबारा उठी।
चेन्नई, 14 जून तमिलनाडु में एक लंबे अंतराल के बाद मंगलवार को मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक में पार्टी का नेतृत्व किसी एक नेता को सौंपे जाने की मांग दोबारा उठी।
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने पार्टी के पदाधिकारियों की एक बैठक के बाद बताया कि बैठक में अधिकतर जिला सचिवों और शीर्ष पदाधिकारियों ने एकल नेतृत्व की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पार्टी उचित समय पर फैसला करेगी कि अन्नाद्रमुक का नेतृत्व किसे सौंपा जाना चाहिए।
जिला सचिवों और शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देते हुए जयकुमार ने चेन्नई में संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में दोहराया कि वी के शशिकला अन्नाद्रमुक की सदस्य नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि शशिकला का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है और बैठक में उनके बारे में कोई भी चर्चा नहीं हुई।
शशिकला तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे जयललिता की करीबी थीं। साल 2016 में जयललिता के निधन के बाद उन्हें पार्टी की अंतरिम महासचिव चुना गया था। हालांकि, बाद में वह पार्टी से बाहर कर दी गई थीं।
अन्नाद्रमुक में एकल नेतृत्व की मांग पार्टी द्वारा अपने उप-नियमों में संशोधन के लगभग छह महीने बाद जोर पकड़ रही है, जिसके तहत ओ पनीरसेल्वम (समन्वयक) और के पलानीस्वामी (सह-समन्वयक) वाले शीर्ष दो पदों के वर्तमान नेतृत्व ढांचे को बनाए रखने के लिए अन्नाद्रमुक ने अपने मानदंडों को मजबूत किया था।
जयकुमार ने बताया कि बैठक में इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई कि अन्नाद्रमुक का नेतृत्व किसे करना चाहिए। उन्होंने ‘बदलते समय’ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि चाहे वो कार्यकर्ता हों या पदाधिकारी, सभी ‘एकल नेतृत्व’ के पक्ष में थे।
जयकुमार ने कहा, “एकल नेतृत्व की मांग को भारी समर्थन हासिल है। आज सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान किया गया। इस मुद्दे पर ‘स्वस्थ’ चर्चा हुई।”
पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी के नेतृत्व में यह बैठक चेन्नई में पार्टी मुख्यालय ‘पुरात्ची थलाइवर एमजीआर मालिगई’ में आयोजित की गई थी। लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक के दौरान पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी के समर्थकों ने अपने-अपने नेता को पार्टी का नेतृत्व सौंपे जाने की मांग को लेकर नारे लगाए।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)