Weather Forecast: देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है - आईएमडी

भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अगस्त माह के दौरान सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी लेकिन देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को बताया कि सितम्बर में मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है.

बारिश (File Photo)

नयी दिल्ली, एक सितम्बर : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि अगस्त माह के दौरान सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी लेकिन देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को बताया कि सितम्बर में मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. आईएमडी ने मौसम के लिए समग्र वर्षा पूर्वानुमान को ‘‘अद्यतन’’ किया है . उन्होंने कहा, ‘‘ सितम्बर में पूरे देश में मासिक वर्षा सामान्य से अधिक होने का अनुमान है (लंबी अवधि के औसत का 110 प्रतिशत से अधिक).’’ उन्होंने बताया कि मानसून की कमी अब नौ प्रतिशत रह गई है और सितम्बर के दौरान अच्छी वर्षा होने से इसमें और कमी आ सकती है. जुलाई में सात प्रतिशत और जून में 10 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी.

आईएमडी ने महीने के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि देश में अगस्त में सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश हुई, लेकिन सितम्बर में बारिश सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है. महापात्र ने यह भी कहा कि उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत तथा दक्षिण भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य या उससे कम बारिश होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि नवीनतम वैश्विक मॉडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि मौजूदा ईएनएसओ (अल नीनो) की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर जारी रहेगी और नकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय स्थिति के भी सितम्बर के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में जारी रहने का अनुमान है. यह भी पढ़ें : Delhi Rain Alert: भारी बारिश से नोएडा, ग्रेटर नोएडा में यातायात बाधित

आईएमडी प्रमुख ने कहा कि हालांकि, मध्य एवं पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) ठंडा होने के संकेत दे रहा है और मानसून के मौसम के अंत में या उसके बाद ‘ला नीना’ की स्थिति के फिर से उभरने का अनुमान बढ़ रहा है. महापात्र ने कहा, ‘‘ प्रशांत तथा हिंद महासागरों पर एसएसटी स्थितियों को भारतीय मानसून पर मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है, इसलिए आईएमडी इन महासागरीय घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है.’

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