Uttar Pradesh: काशी और मथुरा के मंदिरों को मुक्त कराने का अखाड़ा परिषद ने निर्णय किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. साधु संतों के संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी और मथुरा में मंदिरों को कथित तौर पर तोड़ कर बनाई गई मस्जिद और मकबरे को मुक्त कराने का सोमवार को निर्णय किया।
प्रयागराज: साधु संतों के संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी और मथुरा में मंदिरों को कथित तौर पर तोड़ कर बनाई गई मस्जिद और मकबरे को मुक्त कराने का सोमवार को निर्णय किया. यहां हुई एक बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने संवाददाताओं को बताया, “बैठक में सभी के समर्थन से यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि काशी विश्वनाथ में जो ज्ञानवापी मस्जिद है वह हिंदुओं के मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। इसी तरह से मथुरा में जो मकबरा है वह मंदिरों को तोड़कर बनाई गई है। इन दोनों को मुक्त कराने का निर्णय हमने लिया है.
उन्होंने कहा, “हम विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर इसकी लड़ाई लड़ेंगे और हमें विश्वास है कि ये दोनों स्थान मुक्त होंगे.इसके लिए हमारा पहला प्रयास होगा कि मुसलमान भाइयों के साथ इस पर आम सहमति बने।“महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “हम सभी मुसलमानों भाइयों से निवेदन करते हैं कि वे आगे आकर पहल करें और कहें कि हमारे पूर्वजों (मुस्लिमों के) ने जो गलती की है, हम उसे सुधार रहे हैं और जहां मंदिरों को तोड़कर मस्जिद और मकबरे बनाए गए हैं, वह पुनः आपको सौंप रहे हैं।“यह भी पढ़े | Madhya Pradesh Stamp Duty: महाराष्ट्र के बाद शिवराज सरकार ने भी स्टाम्प ड्यूटी 1 फीसदी घटाई.
यह पूछे जाने पर कि यदि मुस्लिम आगे नहीं आए तो, इस पर उन्होंने कहा, “अगर सहमति नहीं बनती है तो हम न्यायालय की शरण में जाएंगे. जिस तरह से राम जन्मभूमि के लिए न्यायालय गए थे, उसी तरह इन स्थानों के लिए न्यायालय जाएंगे. कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रयागराज में माघ मेले के आयोजन पर ग्रहण लगने की आशंका पर महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “कोरोना को लेकर सभी कल्पवासी, साधु सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. सरकार से अनुरोध है कि इस मेले पर रोक न लगाए क्योंकि कल्पवास का 12 वर्ष का क्रम होता है और अगर यह क्रम टूटा तो कल्पवासियों के लिए समस्या होगी.
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