Kashi Vishwanath Dham: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- आततायियों ने काशी को ध्वस्त करने के प्रयास किए, नगर अपने गौरव को फिर से नई भव्यता दे रहा

मोदी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का पूरा परिसर महज एक भव्य भवन नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, इसकी आध्यात्यिमक आत्मा और परंपरा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यदि भारत राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम बना रहा है तो वह समुद्र में हजारों किमी लंबी ऑप्टिकल फाइबर भी बिछा रहा है, गरीबों के लिए लाखों मकान बना रहा है और लोगों को अंतरिक्ष में भेज रहा है.

पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: Twitter)

वाराणसी(उप्र): भारत (India) की सभ्यागत धरोहर की जीवटता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने यहां सोमवार को कहा कि औरंगजेब (Aurangzeb) जैसे आततायियों ने इस धरोहर को ध्वस्त करने के प्रयास किये, लेकिन आतंक के वे पर्याय इतिहास के काले पन्नों तक सिमट कर रह गये, जबकि पवित्र नगरी काशी (Kashi) अपने गौरव को फिर से नयी भव्यता दे रही है. Kashi Vishwanath Dham: वाराणसी में विवेकानंद क्रूज़ पर सवार होकर गंगा आरती में हिस्सा लेते पीएम नरेंद्र मोदी (देखें तस्वीर)

काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत सदियों की गुलामी से उत्पन्न हीनभावना से बाहर निकल रहा है. उन्होंने साथ ही कहा कि नया गलियारा देश को एक निर्णायक दिशा देगा तथा इसे एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा.

देश के एक नए इतिहास के रचनाकाल से गुजरने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं और अंग्रेजों के दौर में भी, (ब्रिटिश गर्वनर जनरल) वारेन हेस्टिंग्स का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं. आततायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए!’’

उन्होंने काशी की धरोहर के वैभव का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कितनी ही सल्तनतें उठी और मिट्टी में मिल गई लेकिन बनारस बना हुआ है.’’

मोदी ने कहा, ‘‘औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है... जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है.’’ उन्होंने हर-हर महादेव का उद्घघोष करते हुए यह बात कही.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देखिए, कैसे समय बदल गया. आज, आंतक के पर्याय रहे लोग इतिहास के काले पन्नों तक सिमट कर रह गये, जबकि काशी आगे बढ़ रही है और वह अपने गौरव को फिर से नयी भव्यता दे रही है.’’

कई इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर एक मस्जिद बनाने का आदेश दिया था. मोदी ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए रानी अहिल्याबाई होल्कर और मंदिर के गुंबद पर स्वर्ण आवरण (प्लेटिंग) चढ़ाने को लेकर सिख शासक रणजीत सिंह की सराहना की.

मोदी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का पूरा परिसर महज एक भव्य भवन नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, इसकी आध्यात्यिमक आत्मा और परंपरा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यदि भारत राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम बना रहा है तो वह समुद्र में हजारों किमी लंबी ऑप्टिकल फाइबर भी बिछा रहा है, गरीबों के लिए लाखों मकान बना रहा है और लोगों को अंतरिक्ष में भेज रहा है.

उन्होंने बौद्ध और सिख तीर्थ यात्रा केंद्रों के लिए किये गये कार्य का भी उल्लेख किया. उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्राचीन और नवीनता का समन्वय है. यह ‘‘हमारी ताकत का और इस बात का भी गवाह है कि यदि एक दृढ़ संकल्प हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.’’

प्रधानमंत्री ने लोगों से स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास करने की भी अपील की.

मोदी ने गुलामी की लंबी अवधि का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ इसने हमारे विश्वास को इस कदर तोड़ दिया कि हमने अपनी सृजन क्षमता में विश्वास खो दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज इस हजारों साल पुरानी काशी से मैं हर देशवासी से पूरे विश्वास के साथ सृजन और नवोन्मेष करने की अपील करता हूं.’’

उन्होंने काशी के गौरव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नगर अविनाशी है और यह भगवान शिव के संरक्षण में है. मोदी ने भव्य मंदिर परिसर के निर्माण कार्य में शामिल श्रमिकों का भी आभार प्रकट किया. उन्होंने उनसे मुलाकात की और उन पर फूल बरसाए. बाद में उनके साथ भोजन भी किया.

उन्होंने भाषण के बीच में स्थानीय बोली का भी उपयोग किया.

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