पटना, एक सितंबर राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र और बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार जाति जनगणना और आरक्षण के खिलाफ हैं।
यादव ने कहा कि इस तरह की गणना “एक्स-रे की तरह” है, जो विभिन्न जाति समूहों की आबादी और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाती है।
उन्होंने पटना में राजद कार्यालय में एक धरने का नेतृत्व करते हुए कार्यकर्ताओं से यह बात कही। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यादव ने जनता दल (यूनाइटेड) से बिहार में वंचित जातियों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर उसका रुख जानना चाहा।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता ने कहा, “बिहार में महागठबंधन प्रशासन ने पिछले साल केंद्र से राज्य सरकार की नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के फैसले को नौवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया था। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया। केंद्र और राज्य की राजग सरकारें समाज के वंचित वर्ग के लिए आरक्षण और जाति जनगणना के खिलाफ हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहूंगा कि जाति जनगणना एक एक्स-रे की तरह है, जो देश के विभिन्न जाति समूहों की जनसंख्या और गरीब तबके की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाएगी।”
राजद ने पूरे राज्य में धरने आयोजित किए और बढ़े हुए आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने तथा देशव्यापी जाति जनगणना लागू करने की मांग की।
संविधान की नौवीं अनुसूची केन्द्रीय और राज्य कानूनों की सूची है जिन्हें अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
यादव ने पूछा, “मैं जद(यू) नेताओं से बस एक सवाल पूछता हूं, उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि वे इसे नौवीं अनुसूची में डालने के पक्ष में हैं या नहीं। अगर हां, तो राजग का हिस्सा होने के बावजूद वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? और अगर नहीं, तो उन्हें यह बात जरूर कहनी चाहिए। मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? उन्हें क्या हो गया है?”
उन्होंने कहा, “भाजपा चाहती है कि कूड़ा बीनने वाले का बेटा नालियां साफ करे। सभी दिग्गज समाजवादी नेता समय-समय पर जाति जनगणना की बात करते रहे। हमारे महान नेताओं ने हमेशा आरक्षण की बात की और उन वर्गों के बारे में बात की जो समाज के सबसे निचले पायदान पर हैं, चाहे वे दलित हों, आदिवासी हों या सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोग हों।”
यादव ने भाजपा और उसके सहयोगियों पर यह भी आरोप लगाया कि जब “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया तो वे जश्न मना रहे थे।”
उन्होंने आरोप लगाया, “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर जद(यू) के नेता खुश थे। बिहार के समग्र विकास में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।”
यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू प्रवक्ता संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि राज्य में जाति सर्वेक्षण हो।
उन्होंने कहा, “उन्होंने इस संबंध में सभी सकारात्मक कदम उठाए। बिहार में विपक्षी नेता वही लोग हैं जिन्होंने सत्ता में रहने के दौरान पंचायतों में आरक्षण तक नहीं दिया।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)