देश की खबरें | प्रौद्योगिकी न्याय के लिए शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरी है: प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्याय के लिए प्रौद्योगिकी एक "शक्तिशाली माध्यम" के रूप में उभरी है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रौद्योगिकीय तंत्र को समानता व समावेशिता को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए।

नयी दिल्ली, तीन फरवरी भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्याय के लिए प्रौद्योगिकी एक "शक्तिशाली माध्यम" के रूप में उभरी है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रौद्योगिकीय तंत्र को समानता व समावेशिता को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए।

सीजेआई ने कहा कि न्याय के प्रति साझा प्रतिबद्धता कायम करने के महत्व को पहचानने की आवश्यकता है।

‘कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन (सीएलईए) - कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन’ में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यह जरूरी है कि कानूनी अधिकारी राजनीति से प्रभावित न हों और कानूनी कार्यवाही की अखंडता सुनिश्चित करते हुए अदालतों में गरिमापूर्ण व्यवहार करें।

उन्होंने कहा, "हम परंपरा और नवाचार के चौराहे पर खड़े हैं, प्रौद्योगिकी न्याय के लिए एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरी है। हालांकि इससे न्याय की गति और पहुंच बढ़ने की उम्मीद की जाती है, लेकिन हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।’’

सीजेआई ने कहा, ‘‘भारतीय समाज के भीतर गहरी जड़ें जमा चुके संरचनात्मक और वित्तीय पदानुक्रम मंथन की मांग करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रौद्योगिकी अनजाने में मौजूदा समस्याओं को न बढ़ाए।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सभा को संबोधित किया।

सीजेआई ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकीय तंत्र हमारे सभी हितधारकों की विविध आवश्यकताओं और क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए समानता व समावेशिता के आधार पर तैयार किए जाएं।’’

कानूनी व्यवहार में नैतिकता को बनाए रखने में कानून अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनी अधिकारी अदालतों और सरकार के बीच संपर्क के प्राथमिक बिंदु के रूप में कार्य करते हैं।

सीजेआई ने कहा, ‘‘कार्यकारी जवाबदेही का एक महत्वपूर्ण पहलू कानूनी अधिकारियों के नैतिक आचरण और जिम्मेदारी पर निर्भर करता है, जो न केवल सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में बल्कि अदालत के अधिकारियों के रूप में भी कार्य करते हैं।’’

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