जरुरी जानकारी | धन की कमी कका सामना कर रहे खय उद्योग को चाय बोर्ड ने अपने पैरों पर खड़ा होने को कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. चाय बोर्ड को केंद्र से धन प्राप्त करने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो पिछले पांच वर्षों से एक स्तर पर ‘स्थिर’ बना हुआ है। चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष अरुण कुमार रे ने शनिवार को यह जानकारी दी।

कोलकाता, 20 जून चाय बोर्ड को केंद्र से धन प्राप्त करने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो पिछले पांच वर्षों से एक स्तर पर ‘स्थिर’ बना हुआ है। चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष अरुण कुमार रे ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने चाय उद्योग को खुद के पैरों पर खड़े होने का अपील की और कहा कि निर्यातकों को पेय के प्रचार और ब्रांडिंग के लिए योगदान करना होगा।

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इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए, रे ने कहा कि बोर्ड को सब्सिडी के रूप में सरकार से जो धन प्राप्त होता है उसका वह 90 प्रतिशत धनराशि खर्च करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब बोर्ड को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और उम्मीद है कि चीजें अगले साल सुधरेंगी।’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले वैधानिक निकाय ने पुनर्रोपण सब्सिडी को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डाल रखा है।

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उनके अनुसार, भारतीय चाय उत्पादकों को आर्थोडॉक्स चाय के निर्माण पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जिसका बेहतर निर्यात बाजार है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल निर्यात दो से तीन करोड़ किलोग्राम कम हो सकता है क्योंकि निर्यात की खेप कम हुई है।’’

रे ने चाय के उत्पादन स्थान का पता लगाये जा सकने, खाद्य सुरक्षा मानदंडों को अपनाने और उसमें अधिकतम अवशेष स्तर की सीमा रखने पर भी जोर दिया।

टी बोर्ड के अध्यक्ष पी के बेजबरुआ ने कहा कि चाय उद्योग जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उसका मूल कारण अतिरिक्त आपूर्ति की स्थिति है।

उन्होंने कहा कि हालांकि आपूर्ति की कमी के कारण चाय की कीमतें इस समय बढ़ रही हैं, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण, चाय के बाहर चाय की खपत काफी हद तक कम हो गई है।

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