पच्चीस करोड़ मानव दिवस का सृजन करके 20 हजार करोड़ रुपये पारिश्रमिक देने का लक्ष्य: सोरेन
मुख्यमंत्री सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग की अनेक योजनाओं का यहां शुभारंभ करते हुए कहा, ‘‘यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। झारखण्ड आज कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है। यह बड़ी चुनौती है। सरकार 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करके श्रमिकों को बीस हजार करोड़ रुपये पारिश्रमिक के रूप में देगी।’’
रांची, चार मई झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रारंभ की जा रही तीन योजनाओं के माध्यम से राज्य में 25 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है जिससे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग की अनेक योजनाओं का यहां शुभारंभ करते हुए कहा, ‘‘यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। झारखण्ड आज कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है। यह बड़ी चुनौती है। सरकार 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करके श्रमिकों को बीस हजार करोड़ रुपये पारिश्रमिक के रूप में देगी।’’
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘‘हमें सीमित संसाधनों के बल पर नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा देनी है, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित करनी है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है।’’
उन्होंने कहा कि झारखण्ड का रोजगर खेतों से जुड़ा है। संक्रमण के दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी व बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न न हो इस निमित्त कार्य योजना तैयार कर ली गई है। शुरू की गई योजनाएं निर्णायक भूमिका निभाने वाली होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। योजना के जरिये सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जाएगा जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें।
उन्होंने कहा कि पौधारोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण करने की भी योजना पर सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार ने पंचायत स्तर पर खेल का मैदान निर्माण करने की योजना शुरू की है। ‘वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना’ के माध्यम से जहां एक ओर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के कार्य करेगी, वहीं खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जाएगा।
सोरेन ने कहा कि खिलाड़ियों को खेल के रास्ते देश व राज्य के विकास से जोड़ना है। राज्य के खिलाड़ियों ने सीमित संसाधनों के बल पर देश और दुनिया में राज्य का मान बढ़ाया है। यहां के खिलाड़ी पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। बस उसे निखारने की आवश्यकता है। इस योजना का नाम वीर शहीद पोटो हो करने का उद्देश्य वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को वीर शहीद की वीरता से अवगत भी कराना है। वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। पहली जनवरी 1838 को सेरेंगसिया घाटी में वीर शहीद पोटो हो शहीद हो गए थे। इसलिए खूंटपानी में हर वर्ष पहली जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से राज्य में पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। भूमिगत जल का संवर्धन आज के समय की जरूरत है, जिसका आभास हमसब को है। योजना के माध्यम से बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना है।
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