खेल की खबरें | विराट कोहली को फुल टॉस पर आउट होते हुए देखना हैरानी भरा : न्यूजीलैंड के स्पिनर सैंटनर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी (53 रन देकर सात विकेट) से दूसरे टेस्ट और शायद श्रृंखला जीतने की कोशिश में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले न्यूजीलैंड के स्पिनर मिचेल सैंटनर ने शुक्रवार को यहां स्वीकार किया कि भारतीय स्टार विराट कोहली को फुल टॉस गेंद पर आउट होते हुए देखना उनके लिए हैरानी भरा था।
पुणे, 25 अक्टूबर अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी (53 रन देकर सात विकेट) से दूसरे टेस्ट और शायद श्रृंखला जीतने की कोशिश में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले न्यूजीलैंड के स्पिनर मिचेल सैंटनर ने शुक्रवार को यहां स्वीकार किया कि भारतीय स्टार विराट कोहली को फुल टॉस गेंद पर आउट होते हुए देखना उनके लिए हैरानी भरा था।
सैंटनर के सात विकेट की बदौलत न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 103 रन की बढ़त हासिल की और बाद में इसे बढ़ाकर 301 रन तक पहुंचा दिया।
बाएं हाथ के स्पिनर के शानदार स्पैल में कोहली का विकेट भी शामिल था जिससे भारत पहली पारी में 156 रन पर ढेर हो गया।
उनसे जब पूछा गया कि उन्हें भारत के स्टार बल्लेबाज को इस तरह से आउट करना कितना अच्छा लगा तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘कोहली को फुल टॉस पर आउट करना मेरे लिए बहुत हैरानीभरा था। वह आमतौर पर ऐसे शॉट नहीं चूकते। ’’
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘यह थोड़ी धीमी गेंद थी। मैंने बस इसे थोड़ा बदलने की कोशिश की, लेकिन आमतौर पर अगर आप ऐसे शॉट लगाते हैं तो वो छह रन के लिए जाते हैं। शॉट अच्छा था लेकिन गति में बदलाव महत्वपूर्ण रहा।’’
सैंटनर ने कहा कि 301 रन की बड़ी बढ़त के बावजूद न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को टेस्ट में बचे हुए तीन दिन में भी काम करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत शायद अधिक आक्रामक होकर खेलेगा और हमें बैकफुट पर लाने की कोशिश करेगा। बल्ले से अब भी काम करना है। निश्चित रूप से अब हम जितने अधिक रन बनायेंगे, गेंद से हमारा काम थोड़ा आसान हो जाएगा। ’’
सैंटनर ने कहा कि भारत के ऑफ स्पिनर वाशिंगटन सुंदर की तरह गति में बदलाव करना महत्वपूर्ण था जिन्होंने पहले दिन 59 रन देकर सात विकेट झटके थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सफेद गेंद के क्रिकेट में ऐसा बहुत करता हूं, मैं गति बदलता हूं। हमने शायद थोड़ी धीमी गेंद करने के बारे में बात की थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पहले गेंद की गति 95 किमी प्रति घंटा थी और फिर उन्होंने इसे धीमा करना शुरू कर दिया और विविधता लानी शुरू कर दी, जिससे बल्लेबाज असमंजस में पड़ गए। ’’
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