जरुरी जानकारी | चालू सत्र के पहले छह सप्ताह में चीनी उत्पादन 44 प्रतिशत घटकर 7.10 लाख टन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारत का चीनी उत्पादन 2024-25 सत्र के पहले छह सप्ताह में 44 प्रतिशत घटकर 7.10 लाख टन रह गया है। एक साल पहले समान अवधि में यह 12.70 लाख टन रहा था। उद्योग निकाय एनएफसीएसएफएल ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि चीनी उत्पादन घटने की वजह यह है कि अभी काफी कम मिलों ने पेराई परिचालन शुरू किया है।

नयी दिल्ली, 15 नवंबर भारत का चीनी उत्पादन 2024-25 सत्र के पहले छह सप्ताह में 44 प्रतिशत घटकर 7.10 लाख टन रह गया है। एक साल पहले समान अवधि में यह 12.70 लाख टन रहा था। उद्योग निकाय एनएफसीएसएफएल ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि चीनी उत्पादन घटने की वजह यह है कि अभी काफी कम मिलों ने पेराई परिचालन शुरू किया है।

नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफएल) ने बयान में कहा कि 15 नवंबर तक केवल 144 चीनी मिलें चालू थीं। पिछले साल की समान अवधि में 264 मिलें परिचालन कर रही थीं।

भारत के शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्यों में से एक महाराष्ट्र ने अभी तक पेराई शुरू नहीं की है। पिछले साल इसी अवधि के दौरान महाराष्ट्र में 103 मिलें चालू थीं।

सहकारी संस्था ने कहा कि चीनी प्राप्ति (रिकवरी) की दर 7.82 प्रतिशत पर स्थिर रही, जो पिछले वर्ष के स्तर के बराबर है।

कर्नाटक में उत्पादन एक साल पहले के 53.75 लाख टन से घटकर 26.25 लाख टन रह गया, जहां केवल 40 मिलें चालू थीं। इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में 85 मिलें चालू थीं।

उद्योग निकाय का अनुमान है कि अक्टूबर से सितंबर तक चलने वाले 2024-25 सत्र में कुल चीनी उत्पादन पिछले सत्र के 319 लाख टन से घटकर 280 लाख टन रहेगा।

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