देश की खबरें | सुभासपा ने बदला चुनाव चिह्न, ओमप्रकाश राजभर फिर चुने गए अध्यक्ष
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का एक बार फिर अध्यक्ष चुना गया है, लेकिन सुभासपा ने अपना चुनाव चिह्न बदल दिया है।
लखनऊ, 12 अगस्त उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का एक बार फिर अध्यक्ष चुना गया है, लेकिन सुभासपा ने अपना चुनाव चिह्न बदल दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल सुभासपा की सोमवार को यहां आयोजित राष्ट्रीय बैठक में 'छड़ी' के बजाय 'चाबी' को पार्टी का चुनाव चिह्न बनाने का निर्णय लिया गया।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने बताया कि बैठक में ओमप्रकाश राजभर को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और डॉक्टर अरविंद राजभर को राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव तथा कोषाध्यक्ष बनाया गया।
इसके अलावा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं 25 ज़िला इकाइयों के अध्यक्षों तथा विभिन्न मोर्चों व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की घोषणा भी की गई।
राजभर ने बताया कि राम ललित चौधरी को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सालिक यादव को राष्ट्रीय संगठन मंत्री तथा प्रेमचंद कश्यप को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है।
उन्होंने बताया कि बैठक में 'छड़ी' के बजाय 'चाबी' को पार्टी के चुनाव निशान के तौर पर अपनाये जाने की घोषणा की गई। पार्टी अब निर्वाचन आयोग से इस चुनाव निशान की मांग करेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस अवसर पर कहा कि सुभासपा गरीबों, वंचितों, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और पीड़ितों की पार्टी है इसलिए सुभासपा के समर्थक पूरे तन-मन-धन से सहयोग कर पार्टी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं।
राजभर ने बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरने का भी ऐलान किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से 2026 में होने वाले जिला पंचायत और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुटने का आह्वान किया।
राजभर ने पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में रहते हुए उन्हें शोषित, वंचित, पिछड़ा, दलित, अतिपिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समाज के लोगों की याद क्यो नहीं आई? सरकार में रहते हुए जातिगत जनगणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की याद क्यों नहीं आई?
उन्होंने प्रदेशवासियों से इन पार्टियों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि सत्ता से बाहर जाते ही इन्हें ये सब याद आने लगा जो इनके दोहरे चरित्र को उजागर करता है।
सलीम
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)