खेल की खबरें | निशानेबाजी में सितारे फिर बेनूर , हॉकी और मुक्केबाजी में मिली जीत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. भारतीय निशानेबाजों का तोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन लगातार जारी रहा लेकिन पिछले मैच की शर्मनाक हार से उबरकर पुरूष हॉकी टीम ने वापसी की और मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन ने अंतिम आठ में जगह बना ली। ओलंपिक में चौथा दिन भारत के लिये ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाला ही रहा ।
तोक्यो, 27 जुलाई भारतीय निशानेबाजों का तोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन लगातार जारी रहा लेकिन पिछले मैच की शर्मनाक हार से उबरकर पुरूष हॉकी टीम ने वापसी की और मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन ने अंतिम आठ में जगह बना ली। ओलंपिक में चौथा दिन भारत के लिये ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाला ही रहा ।
बैडमिंटन में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी दुर्भाग्यशाली रही और पुरुष युगल के तीसरे मैच में दूसरी जीत दर्ज करने के बावजूद नॉकआउट की दौड़ से बाहर हो गई। टेबल टेनिस के पुरुष एकल के तीसरे दौर में अनुभवी शरत कमल ने गत विश्व और ओलंपिक चैंपियन चीन के मा लोंग के खिलाफ शिकस्त के बावजूद अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया।
निशानेबाजी में चौधरी और मनु भाकर की जोड़ी को 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन क्वालीफिकेशन के पहले चरण में शीर्ष पर रहने के बाद दूसरे चरण में यह जोड़ी लय में नहीं दिखी और आखिर में उन्हें 380 के कुल स्कोर के साथ सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा। इस भारतीय जोड़ी ने पहले चरण में 582 अंक बनाये थे।
सौरभ और मनु ने शुरू में कुछ उम्मीदें जगायी थी लेकिन सौरभ को मनु से पर्याप्त सहयोग नहीं मिला जिससे टीम की पदक की उम्मीदें समाप्त हो गयी।
अभिषेक वर्मा और यशस्विनी सिंह देसवाल की एक अन्य भारतीय जोड़ी इस स्पर्धा के पहले चरण में 564 अंक के साथ 17वें स्थान पर रहने के कारण शुरू में ही बाहर हो गयी। चोटी की आठ टीमें ही दूसरे चरण के क्वालीफिकेशन में प्रवेश करती हैं।
भारत की दो जोड़ियों ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन वे क्वालीफिकेशन के पहले चरण से भी आगे नहीं बढ़ पायी।
इलावेनिल वालारिवान और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी 626.5 अंक बनाकर 12वें तथा अंजुम मोदगिल और दीपक कुमार की जोड़ी 623.8 अंक बनाकर 29 जोड़ियों के बीच 18वें स्थान पर रही।
निशानेबाजी रेंज की निराशा को पुरुष हॉकी टीम ने कुछ हद तक दूर किया जिसने ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के दो गोल की बदौलत पूल ए के अपने तीसरे मैच में स्पेन को 3-0 से हराया।
दुनिया की नौवें नंबर की टीम स्पेन के खिलाफ भारत की ओर से रूपिंदर (15वें और 51वें मिनट) ने दो जबकि सिमरनजीत सिंह (14वें मिनट) ने एक गोल दागा।
दुनिया की चौथे नंबर की टीम भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर विजयी शुरुआत की थी लेकिन पिछले मैच में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में उसे 1-7 की करारी हार का सामना करना पड़ा था।
मुक्केबाजी रिंग में उतरने वाली लवलीना मंगलवार को एकमात्र भारतीय मुक्केबाज रहीं और उन्होंने प्रशंसकों को निराश नहीं किया। पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना प्री क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर भारत की नौ सदस्यीय टीम से अंतिम आठ में जगह बनाने वाली पहली खिलाड़ी बनी।
बैडमिंटन पुरुष युगल में सात्विक और चिराग की दुनिया की 10वें नंबर की जोड़ी ने ग्रुप ए के अपने तीसरे मैच में दूसरी जीत दर्ज की लेकिन टूर्नामेंट में आगे बढने के लिये यह काफी नहीं था । सात्विक और चिराग की दुनिया की 10वें नंबर की जोड़ी ने ग्रुप ए के अपने तीसरे मैच में बेन लेन और सीन वेंडी की ब्रिटेन की दुनिया की 18वें नंबर की जोड़ी को 44 मिनट चले मुकाबले में 21-17, 21-19 से हराकर ग्रुप में दूसरी जीत दर्ज की।
इंडोनेशिया और चीनी ताइपे तीनों जोड़ियों ने दो-दो जीत दर्ज की थी लेकिन चीनी ताइपे और इंडोनेशिया की जोड़ियां ग्रुप चरण में गेम जीतने और हारने के बीच बेहतर अंतर के कारण शीर्ष दो स्थान पर रहते हुए नॉकआउट में पहुंचने में सफल रही। इंडोनेशिया की जोड़ी का गेम अंतर प्लस तीन, चीनी ताइपे का प्लस दो और भारत का प्लस एक रहा।
टेबल टेनिस पुरुष एकल में अपने अनुभव, कौशल और जज्बे का अच्छा नमूना पेश करने के बावजूद शरत कमल चीन के मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन मा लोंग से 1-4 से हार गये। उनकी हार के साथ तोक्यो ओलंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता में भारत की चुनौती भी समाप्त हो गयी।
शरत ने हार के बाद कहा ,‘‘ यह मेरे कैरियर के सर्वश्रेष्ठ तीन मैच, सर्वश्रेष्ठ मैच और सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट था।’’
सेलिंग में विष्णु सरवनन और नेत्रा कुमानन अपनी संबंधित स्पर्धाओं में छह रेस के बाद क्रमश: 22वें और 33वें स्थान पर रहे। प्रतियोगिता में चार और रेस के अलावा ‘मेडल रेस’ (पदक तय करने वाली रेस) बची हुई है। भारत के दोनों सेलर हालांकि शीर्ष पर काबिज खिलाड़ियों की तुलना में रैंकिंग में काफी पीछे है।
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