हैमिटल्टन, 12 मार्च भारतीय बल्लेबाज पहले ही दिन की पिच पर टर्न और असमान उछाल से परेशान नजर आए जिससे मेजबान टीम ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे दिन-रात्रि क्रिकेट टेस्ट में शनिवार को यहां चाय तक चार विकेट पर 93 रन बनाए।
तेज धूप में गुलाबी गेंद से तेज गेंदबाजों को स्विंग को नहीं मिली लेकिन कुछ गेंद काफी नीची रही जिससे मेजबान टीम के बल्लेबाज काफी परेशान नजर आए।
भारत ने 29 रन तक ही दोनों सलामी बल्लेबाजों मयंक अग्रवाल (04) और कप्तान रोहित शर्मा (15) के विकेट गंवा दिए। अग्रवाल रन आउट हुए जबकि रोहित की पारी का अंत बाएं हाथ के स्पिनर लसिथ एंबुलदेनिया ने किया जो गेंद को टर्न कराने और उछाल हासिल करने में सफल रहे।
हनुमा विहारी (31) क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बाद बाएं हाथ के एक अन्य स्पिनर प्रवीण जयविक्रम की गेंद पर विकेटकीपर निरोशन डिकवेला को कैच दे बैठे जबकि विराट कोहली (23) आफ स्पिनर धनंजय डिसिल्वा की नीची रहती गेंद को पूरी तरह से चूककर पगबाधा हुए।
भारत एक और विकेट गंवा देता लेकिन सुरंगा लकमल ने चार रन के निजी स्कोर पर बाउंड्री के समीप ऋषभ पंत का कैच टपका दिया। चाय के समय पंत 16 रन बनाकर खेल रहे थे जबकि श्रेयस अय्यर एक रन बनाकर उनका साथ निभा रहे हैं।
विहारी और कोहली ने तीसरे विकेट की 47 रन की साझेदारी के दौरान आत्मविश्वास के साथ ड्राइव और कट शॉट खेले लेकिन इस साझेदारी के टूटने के बाद अचानक बल्लेबाजी मुश्किल नजर आने लगी।
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच पर बिलकुल भी घास नजर नहीं आ रही और भारत ने उम्मीद के मुताबिक टॉसा जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। तेज गेंदबाज विश्व फर्नांडो ने अग्रवाल के खिलाफ पगबाधा की विश्वसनीय अपील की लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया। अग्रवाल इसके बाद रन के लिए भागे लेकिन रोहित दो कदम आगे बढ़ने के बाद वापस लौट गए क्योंकि रन पूरा करने की उम्मीद नहीं थी। अग्रवाल हालांकि काफी आगे निकल आए और क्रीज पर लौटने से पहले ही विकेटकीपर डिकवेला ने उन्हें रन आउट कर दिया। बाद में यह गेंद नोबॉल भी निकली।
रोहित ने फर्नांडो पर कुछ अच्छे ड्राइव लगाए। उन्होंने इस तेज गेंदबाज की शॉर्ट गेंद पर छक्का भी जड़ा लेकिन एंबुलदेनिया ने उन्हें दूसरी स्लिप में डिसिल्वा के हाथों कैच करा दिया।
विहारी को जयविक्रम की गेंद पर अंपायर ने पगबाधा आउट दिया लेकिन डीआरएस लेने पर वह बच गए। वह हालांकि अपने स्कोर में इजाफा किए बगैर इसी स्पिनर की गेंद पर विकेटकीपर को कैच दे बैठे।
दो साल से भी अधिक समय से टेस्ट शतक का इंतजार कर रहे कोहली की पारी का अंत नीची रहती गेंद पर हुआ।
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