पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्क्वाड्रन लीडर अनिल भल्ला का निधन, कोरोना से संक्रमित थे
पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा में स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा लेने के बाद भल्ला राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 32वें पाठ्यक्रम में शामिल हुए और 1968 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट बने. वह तेजपुर स्थित 28वें स्क्वाड्रन का हिस्सा रहे. उनके पूर्व सहकर्मी ने बताया कि 1971 के युद्ध में भल्ला ने कई उड़ानें भरीं और ढाका स्थित गवर्नर हाउस सहित कई अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों की रक्षा की, जिसने अंतत: पाकिस्तान के आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
मुंबई: भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच 1971 में हुए युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्क्वाड्रन लीडर अनिल भल्ला (Anil Bhalla) का निधन हो गया है. पारिवारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि वह कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित थे. सूत्रों ने बताया कि मूल रूप से मुंबई के रहने वाले भल्ला (74) का सोमवार को हैदराबाद में निधन हुआ. वर्ष 1984 में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) से अवकाश प्राप्त करने के बाद वह हैदराबाद में रह रहे थे. Corona Vaccine: मुंबई में लगातार दूसरे दिन लोगों को नहीं मिली कोवैक्सीन की खुराक
पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा में स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा लेने के बाद भल्ला राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 32वें पाठ्यक्रम में शामिल हुए और 1968 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट बने. वह तेजपुर स्थित 28वें स्क्वाड्रन का हिस्सा रहे. उनके पूर्व सहकर्मी ने बताया कि 1971 के युद्ध में भल्ला ने कई उड़ानें भरीं और ढाका स्थित गवर्नर हाउस सहित कई अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों की रक्षा की, जिसने अंतत: पाकिस्तान के आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
स्क्वाड्रन लीडर भल्ला मास्टर ग्रीन आईआर (इंस्ट्रूमेंट रेटिंग) पाने वाले सबसे युवा फ्लाईंग अफसर थे. आईआर बेहतरीन पायलटों को दिया जाता है. वह हाकिमपेट में लड़ाकू पायलटों की प्रशिक्षण शाखा के प्रशिक्षक भी थे. उनके परिवार में पत्नी, बेटा और दो बेटियां हैं.
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