यूरोपीय संघ की ग्रीन-टेक माइनिंग योजना का स्पेन में विरोध
ईयू इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने के लिए लीथियम जैसी चीजों को पाने के लिए ज्यादा आजादी चाहता है.
ईयू इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने के लिए लीथियम जैसी चीजों को पाने के लिए ज्यादा आजादी चाहता है. लेकिन क्या स्पेनिश शहर कासेरेस की तरह अन्य जगहों पर भी कार्यकर्ता इस नई खनन नीति के रास्ते में रोड़ा बन सकते हैं?कासेरेस स्पेनिश सिनेमा महोत्सव में भाग लेने के लिए ग्लैमरस कपड़ों में पहुंचने वाले मेहमानों के लिए यह गर्मजोशी भरा स्वागत नहीं कहा जा सकता. सैकड़ों प्रदर्शनकारी ग्रैंड थियेटर की ओर जाने वाली सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर तालियां बजा रहे थे और "No to the mine! Yes to life!” के नारे लगा रहे थे. प्रदर्शनकारी चिल्लाते हैं, "कासेरेस बिक्री के लिए नहीं है!”. "द शेम!"
सर्बिया ने रद्द की सफेद सोने लीथियम की खुदाई
एक स्थानीय फिल्म महोत्सव खनन विवाद में कैसे उलझ गया? इन सबके पीछे एक इवेंट प्रायोजक, एक्सट्रीमादुरा न्यू एनर्जीज है. कंपनी थिएटर से कुछ किलोमीटर दूर पृथ्वी पर खनन करके अगले 26 वर्षों में 4,67,000 टन बैटरी-ग्रेड लीथियम हाइड्रॉक्साइड का उत्पादन करने की योजना बना रही है. कंपनी को उम्मीद है कि एक संस्था द्वारा वित्तपोषित इस तरह की गतिविधियां लोगों को उसके सम्मानजनक इरादों के प्रति आश्वस्त करेंगी. सेव कासेरेस माउंटेन प्लेटफॉर्म के खदान-विरोधी कार्यकर्ता इसे एक सस्ती लोकप्रियता के तौर पर देखते हैं. कासेरेस एक लाख की आबादी वाला यूनेस्को से मान्यता प्राप्त एक पुराना शहर है जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. यह स्पेन के सबसे गरीब क्षेत्र में पुर्तगाली सीमा पर स्थित एक उपेक्षित ग्रामीण इलाका है. करीब छह साल पहले, यह क्षेत्र भी उस सूची में शामिल हो गया जो भू-राजनीतिक रूप से वैश्विक संसाधनों से संपन्न हैं और यूरोपीय समुदायों के बीच उनके लिए होड़ मची है.
यूरोप में ‘सफेद सोने' के लिए होड़
लीथियम उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी में इस्तेमाल होने वाली धातु है. इसका इस्तेमाल कार्बन उत्सर्जन-खत्म करने वाली तकनीकों जैसे सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्ट फोन और लैपटॉप में भी होता है. विश्व आर्थिक मंच के आंकड़ों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया, चिली और चीन लीथियम के सबसे बड़े उत्पादक देश हैं और दुनिया में लीथियम के कुल उत्पादन का 90 फीसद हिस्सा इन्हीं देशों में होता है. खनिजों से इसका निष्कर्षण मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका के साल्ट फ्लैट्स में होता है और इसकी वजह से वहां पर्यावरण को नुकसान और पानी की कमी जैसी समस्याएं आती हैं. बोलीविया में इस मामले पर काफी राजनीतिक हलचल होती है.
गुरुवार को, यूरोपीय संघ आयोग ने फ्यूचर प्रूफ प्रौद्योगिकी के लिए जरूरी क्रिटिकल पदार्थों के लिए आयात निर्भरता कम करने के मकसद से डिजाइन किया हुआ एक रेगुलेशन प्रस्तुत किया. यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने लीथियम और कोबाल्ट जैसे रणनीतिक महत्व वाले कच्चे माल के खनन के लिए साल 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत जहां तक संभव हो, अपनी सीमाओं के भीतर आने वाले ब्लॉक से ऐसी धातुओं का दस फीसद तक का खनन किया जा सकता है. इस दशक के अंत तक, यूरोपीय संघ को अपनी खुद की रीसाइक्लिंग जरूरतों का 15 फीसद और साथ ही साथ अपनी प्रसंस्करण जरूरतों की 40 फीसद सामग्री भी मिलनी चाहिए. इसके अलावा, ब्लॉक को अपने आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लानी चाहिए, खासकर चीन पर निर्भरता कम करने के लिए.
कासेरेस में कोई आश्चर्य नहीं
प्रदर्शन कर रहे संगठनों- सेव द कासेरेस माउंटेन प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता मोंटाना चावेस कहते हैं कि यूरोपीय संघ की इस नई योजना से हम बहुत ज्यादा चिंतित हैं. इस समूह की तमाम चिंताएं हैं, मसलन- स्थानीय जल आपूर्ति पर दबाव क्योंकि कासेरेस से होकर कोई नदी नहीं जाती है, सड़क यातायात में बढ़ोत्तरी से वायु प्रदूषण बढ़ेगा, खनन और शोधन में उपयोग किए जाने वाले रसायनों से जल और मिट्टी प्रदूषित होंगे. धूल और शोर से समस्या होगी ही और बहुत संभव है कि और बहुत संभव है कि पहाड़ को तोड़ने के लिए विस्फोटकों का भी उपयोग हो.
चावेज के लिए शहर और प्रस्तावित खनन स्थल के बीचोंबीच स्थित सिएरा दे ला मोस्का पहाड़ी का काफी व्यक्तिगत महत्व भी है. क्षेत्र की कई महिलाओं की तरह, उनका नाम भी इसी के नाम पर रखा गया है. या यों कहें यह पहाड़ कैसेरेस का संरक्षक है. डीडब्ल्यू से बातचीत में वो कहती हैं, "जब मैं छोटी बच्ची थी, तब से मेरा इस जमीन से गहरा नाता रहा है.”
वो बात करने में थोड़ा संकोच करती हैं क्योंकि अन्य स्थानीय लोगों के साथ उन्होंने इसके लिए कई साल तक संघर्ष किया है. हालांकि ऐसा लगता है कि हर कोई एक जैसा महसूस नहीं करता.
76 वर्षीय खोस-एंटोनियो डीडब्ल्यू से बात करते समय अपना सरनेम नहीं बताते हैं. वो कहते हैं, "यह शानदार जगह है. कासेरेस रिटायर्ड और पेंशनभोगियों का शहर है, इसके अलावा और कुछ नहीं.”
खोस खुद एक रिटायर्ड कृषि इंजीनियर हैं और उनका मानना है कि शहर को रोजगार की जरूरत है. घुमावदार सड़क पर खोस-एंटोनियो के साथ टहलते हुए 23 वर्षीय पर्यटन छात्र ह्यूगो गैलियानो मिले. वे भी चीजों को इसी तरह देखते हैं. वो कहते हैं, "यहां कोई उद्योग नहीं है. अकेले पर्यटन पर्याप्त नहीं है, शहर को एक आर्थिक संचालक की जरूरत है.”
यूरोपीय संघ में, ऑटोमोबाइल उद्योग में लीथियम की काफी मांग है. इस क्षेत्र में ब्लॉक के आर्थिक उत्पादन के 7 फीसद हिस्से की मांग है और यहां विद्युतीकरण की एक बड़ी योजना है. यूरोपीय संघ 2035 तक दहन-इंजन कारों की बिक्री को समाप्त करने की योजना बना रहा है, जो कि 2050 तक CO2 उत्सर्जन को ‘नेट जीरो' तक ले जाने के लिए एक व्यापक जलवायु लक्ष्य का हिस्सा है.
ऐसी परियोजनाओं के लिए राजनीतिक और व्यावसायिक प्रोत्साहन को देखते हुए, आप सोच सकते हैं कि कासेरेस में खदान-विरोधी प्रचारकों को कोई मौका नहीं मिलेगा. लेकिन समूह ने पहले ही 2017 में ओपन-कास्ट माइन के लिए मूल योजनाओं के खिलाफ शहर की आबादी को लामबंद करके जीत हासिल कर चुकी है. स्थानीय सरकार के भी विरोध के साथ, एक्सट्रीमादुरा न्यू एनर्जीज को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. उसके बाद कंपनी पास में ही एक भूमिगत खदान योजना लेकर आई जिसके तहत अतिरिक्त पेड़ लगाने थे और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जानी थीं.
इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी के लिए कहां से आए कच्चा माल
लीथियम खदान, दूसरा राउंड
सेंटर-लेफ्ट सोशलिस्ट पार्टी के मेयर लुइस सलाया ने मूल योजना का विरोध किया था, लेकिन नए प्रस्ताव के लिए उनका रुख लचीला है, जिसे आधिकारिक तौर पर पिछले साल के अंत में प्रस्तुत किया गया था और अभी भी स्थानीय अधिकारियों द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है.
एक्स्ट्रीमादुरा न्यू एनर्जीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेमन जिमेनेज का मानना है कि लोग अब बातों को समझ रहे हैं. डीडब्ल्यू से बातचीत में वो कहते हैं, "जब मैंने समझाया कि यह अंडरग्राउंड यानी भूमिगत है, हम सल्फ्यूरिक एसिड या प्राकृतिक गैस का उपयोग नहीं करने जा रहे हैं, हम अपनी सौर ऊर्जा से उत्पन्न हरित हाइड्रोजन का उपयोग करके प्रॉसेस को गर्म करने जा रहे हैं, हम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग करने जा रहे हैं. और लोग भी देख रहे हैं कि इसके दुष्प्रभाव कम हो रहे हैं और उन्हें संभावित लाभ भी दिख रहा है.”
जिमेनेज मानते हैं कि परियोजना उच्च मानकों के साथ एक अच्छी खदान का एक उदाहरण है. वो कहते हैं कि इस परियोजना को सैकड़ों दीर्घकालिक नौकरियों के साथ-साथ कर भुगतान के जरिए राज्य के खजाने को भी भरना चाहिए. उनका तर्क है कि लिथियम का कहीं न कहीं खनन तो करना ही है, इसलिए बेहतर है कि इसे यूरोपीय संघ में ही किया जाए, जहां सख्त पर्यावरण कानून हैं. इसके अलावा, परिष्कृत लीथियम को चीन से मंगाने की बजाय सीधे स्पेन और यूरोपीय संघ में कार कंपनियों को बेचा जाएगा. अपने विरोधियों के बारे में वो कहते हैं, "वे निम्बी हैं! मेरे वश में नहीं हैं!”
‘खनन करने वाले आमतौर पर अपना रास्ता ढूंढ़ ही लेते हैं'
ऑस्ट्रेलिया के आरएमआईटी विश्वविद्यालय में पर्यावरण इंजीनियरिंग के एक प्रोफेसर गेविन मुड का मानना है कि लीथियम खनन के दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर बहुत अनिश्चितता है. डीडब्ल्यू से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि हार्ड-रॉक माइनिंग, जिस तरह से कासेरेस में प्रस्तावित है, वह सौर वाष्पीकरण प्रक्रिया से अलग है जो दक्षिण अमेरिकी साल्ट फ्लैट्स पर दिखने वाले चमकीले रंग के पूल बनाता है.
एक्स्ट्रीमादुरा न्यू एनर्जीज जिन चीजों का वादा करता है वे तकनीकी रूप से संभव हैं, लेकिन सैद्धांतिक रूप से एक्टिविस्ट्स जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, उनमें कई नकारात्मक जोखिम भी हैं. मुड कहते हैं कि आखिरकार, यह खदान के डिजाइन और उसके संचालन पर निर्भर करता है.
देश के दक्षिण-पश्चिम इलाके में पहले हो चुके खनन प्रदूषण की ओर इशारा करते हुए मुड कहते हैं कि स्पेन में, खनन उद्योग की अच्छे कारणों से बुरी छवि है. वो कहते हैं, "बेशक, खनन करने वालों की यह बताने की आदत नहीं है कि उन्हें क्या करने की अनुमति मिली है और क्या करने की अनुमति नहीं है. वे आमतौर पर अपना रास्ता बना लेते हैं. स्थानीय लोगों खनन के लिए ‘नहीं' कहने में सक्षम होना चाहिए, लेकिन वास्तव में, सफल प्रतिरोध दुर्लभ है.”
सर्बिया का जादार क्षेत्र इसका एक उदाहरण है जो यूरोप की सबसे बड़ी लीथियम खदान की जगह बनने के लिए तैयार था. लेकिन पिछले साल, एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खनन दिग्गज रियो टिंटो ने सार्वजनिक विरोध के बीच अपना लाइसेंस रद्द कर दिया था. उत्तरी पुर्तगाल में मीना डो बैरोसो खदान की योजना पर भी भारी विवाद हुआ है.
आखिरकार कासेरेस में एक खदान का निर्माण हो पाता है या नहीं, लेकिन लिथियम की मांग जल्द ही दूर होने की संभावना नहीं है. यूरोपीय संघ आयोग ने अनुमान लगाया है कि 27 देशों के ब्लॉक को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2030 तक 18 गुना अधिक लीथियम और 2050 तक 60 गुना अधिक लिथियम की आवश्यकता होगी, जो ई-गतिशीलता पर बहुत अधिक निर्भर करता है.
सीईओ रेमन जिमेनेज, आश्वस्त हैं कि एक्सट्रीमादुरा न्यू एनर्जी कासेरस में सफल होगी और उम्मीद है कि खनन 2024 की शुरुआत में शुरू हो जाएगा. वास्तव में, कंपनी की नजर पहले से ही अन्य संभावित साइटों पर है, जो कि ‘टिकाऊ और आर्थिक रूप से हैं संभव हैं.'
उन्होंने स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं कहा कि खनन कहां संभावित हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस ‘सफेद सोने' का खनन अभी बढ़ता ही रहेगा. वो कहते हैं, "कुछ स्पेन में हैं, कुछ यूरोप में, कुछ ऑस्ट्रेलिया में.”
रिपोर्ट: इला जॉयनर, कासेरेस