देश की खबरें | राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार
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नयी दिल्ली, नौ नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में रात भर अनुकूल हवा चलने के कारण वायु गुणवत्ता में बुधवार की सुबह मामूली सुधार हुआ, लेकिन यह ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में ही दर्ज की गई।
सुबह आठ बजे दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 323 दर्ज किया गया। हालांकि, दिन के समय हवा की मंद गति के कारण प्रदूषक तत्वों में बढ़ोतरी हो सकती है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में मंगलवार रात 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इससे प्रदूषण की स्थिति को सुधरने में मदद मिली।
दिल्ली में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 16.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
उत्तर में पहाड़ी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में दिन के दौरान आंशिक रूप से बादल छाये रहने और बहुत हल्की बारिश या बूंदाबांदी का पूर्वानुमान जताया गया है।
वायु की गुणवत्ता में सुधार बेहतर दृश्यता स्तरों से स्पष्ट था जो पालम हवाई अड्डे पर 1,400 मीटर और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 1,500 मीटर रही। मंगलवार को धुंध की परत के कारण इन स्थानों पर दृश्यता का स्तर 800 मीटर तक घट गया था।
अनुकूल हवा की गति -15 से 20 किमी प्रति घंटे रहने पर 11 नवंबर से हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार होने का अनुमान है।
राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 372 था। रविवार को एक्यूआई 339 था जो बढ़कर सोमवार को 354 हो गया। शनिवार को यह 381 था।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं सोमवार को 2,487 से घटकर मंगलवार को 605 रह गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत एक पूर्वानुमान एजेंसी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और सफर के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के पार्टिकुलैट मैटर (पीएम) 2.5 प्रदूषण में उनकी हिस्सेदारी सोमवार के मुकाबले 14 प्रतिशत से घटकर मंगलवार को नौ प्रतिशत हो गई।
दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ दिनों में शहर की वायु गुणवत्ता में ‘‘सुधार’’ के मद्देनजर सोमवार को नौ नवंबर से प्राथमिक कक्षाओं को फिर से खोलने और अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश को रद्द करने का फैसला किया था।
पिछले साल दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में लोग एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच सबसे प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं।
जून में शिकागो विश्वविद्यालय (ईपीआईसी) में ऊर्जा नीति संस्थान द्वारा जारी वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) में सामने आया था कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा 10 साल कम हो रही है।
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