एसजेटीए ने भगवान जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की

ओडिशा के पुरी में 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर को 16 अगस्त से दर्शन के लिये चरणबद्ध तरीके से खोले जाने से पूर्व श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने बुधवार को विभिन्न श्रेणियों लोगों के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की.

जगन्नाथ (Photo Credits: ANI)

पुरी, 11 अगस्त : ओडिशा के पुरी में 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर को 16 अगस्त से दर्शन के लिये चरणबद्ध तरीके से खोले जाने से पूर्व श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने बुधवार को विभिन्न श्रेणियों लोगों के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की. एसजेटीए ने एक अधिसूचना के जरिये, सेवादारों के परिवारों, पुरी के स्थानीय निवासियों और राज्य के अंदर के तथा बाहरी श्रद्धालुओं के लिए एसओपी जारी किया है. कोविड-19 के मद्देनजर इस साल 24 अप्रैल से बंद यह मंदिर राज्य सरकार के आदेश के अनुसार अब खोला जाएगा. एसजेटीए को संबंधित पक्षों के साथ परामर्श करके और कोविड सुरक्षा नियमों का अनुपालन करते हुए मंदिर को दर्शन के लिए खोलने पर फैसला करने का निर्देश दिया गया था.

एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि विस्तृत चर्चा और सभी संबंधित मामलों पर विचार करने के बाद अब 16 अगस्त से सख्त दिशा-निर्देशों के साथ मंदिर को खोलने का निर्णय लिया गया. उनके अनुसार मंदिर 16 अगस्त से आम जनता के लिए धीरे-धीरे खोला जाएगा, हालांकि 12 और 13 अगस्त को सेवकों के परिवार के सदस्यों को भगवान के दर्शन की अनुमति होगी. उन्होंने कहा कि दर्शन का समय सभी दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक होगा तथा पुरी नगर पालिका क्षेत्र के निवासियों को 16 से 20 अगस्त तक भगवान के दर्शन के लिए प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. यह भी पढ़ें : देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के करीब ISRO लगाने जा रहा बड़ी छलांग, EOS-03 उपग्रह करेगा लॉन्च

एसओपी के अनुसार 23 अगस्त से सभी भक्तों को भगवान के दर्शन के लिए प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, कोरोन वायरस को लेकर संक्रमणरोधन और मंदिर परिसर की सफाई के लिये सभी शनिवार और रविवार को मंदिर सार्वजनिक दर्शन के लिए बंद रहेगा. कोरोना संक्रमण में किसी भी वृद्धि से बचने के लिए मंदिर प्रमुख उत्सव के अवसरों पर भी बंद रहेगा. तदनुसार, मंदिर 30 अगस्त (जन्माष्टमी) और 10 सितंबर (श्री गणेश चतुर्थी) को बंद रहेगा. कुमार ने कहा, ''अक्टूबर में या आवश्यकतानुसार स्थिति की फिर से समीक्षा की जाएगी.'' अधिसूचना में कहा गया है कि दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर और बाहर पूरे समय मास्क लगाना, प्रवेश से पहले हाथों को सैनिटाइज करना और भौतिक दूरी जैसे दिशानिर्देशों को पालन करना होगा.

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