देश की खबरें | शुभेंदु ने बंगाल से बांग्लादेश को निर्यात पूरी तरह से निलंबित करने की धमकी दी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को धमकी दी कि यदि पड़ोसी देश अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनके संस्थानों पर लगातार जारी हमलों को रोकने में विफल रहा तो राज्य से सड़क मार्ग के जरिये बांग्लादेश को किये जाने वाले ‘निर्यात’ पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

पेट्रापोल (बंगाल), दो दिसंबर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को धमकी दी कि यदि पड़ोसी देश अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनके संस्थानों पर लगातार जारी हमलों को रोकने में विफल रहा तो राज्य से सड़क मार्ग के जरिये बांग्लादेश को किये जाने वाले ‘निर्यात’ पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

उत्तर 24 परगना जिले में पेट्रापोल अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमा पर भिक्षुओं के एक अराजनीतिक संगठन, अखिल भारतीय संत समिति द्वारा आयोजित एक विरोध बैठक में शुभेंदु ने घोषणा की कि ‘बांग्लादेश के लिए व्यापार प्रतिबंधों को चरणबद्ध तरीके से कड़ा किया जाएगा, जिससे भारत से बांग्लादेश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा जाएगी। इस बैठक में अधिकारी ने जिले के कई अन्य भाजपा नेताओं के साथ भाग लिया।

पड़ोसी देश में भारतीयों और अल्पसंख्यक हिंदुओं के कथित उत्पीड़न के विरोध में पेट्रापोल सीमा पर वस्तुओं का व्यापार सोमवार सुबह छह बजे से 24 घंटे के लिए निलंबित रहा। सीमा पर व्यापारियों ने व्यापार बंद करने के आह्वान का जवाब दिया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व मुख्य रूप से बंगीय हिंदू समिति नामक संगठन ने किया। व्यापारियों ने कारोबार बंद करने के प्रदर्शनकारियों के आह्वान पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘व्यापार पर 24 घंटे का निलंबन सिर्फ इस बात का एक ट्रेलर (बानगी) है कि आगे क्या होने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर अगले हफ्ते तक हिंदुओं और उनके धार्मिक प्रतिष्ठानों पर हमले नहीं रुके तो हम पांच दिन का व्यापार प्रतिबंध लगा देंगे। अगले साल की शुरुआत के बाद हम अनिश्चित काल के लिए व्यापार बंद कर देंगे, हम देखेंगे कि वहां के लोग हमारे आलू और प्याज के बिना कैसे रहते हैं।’’

‘इस्कॉन’ से जुड़े पूर्व संत चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई और हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके संस्थानों पर हमलों और उत्पीड़न को तत्काल रोकने की मांग को लेकर यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था।

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