बेंगलुरु, 16 जनवरी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार के मंत्री सतीश जरकीहोली के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के उनके बयान के लिए उन पर निशाना साधा।
शिवकुमार 2020 से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्या कोई इसे (पद) मीडिया में पा सकता है? आप इसे मीडिया या किसी दुकान में नहीं पा सकते। यह हमारे द्वारा किए गए काम के लिए पुरस्कार के रूप में दिया जाता है। क्या मीडिया आपको इसे उपहार में देगा। यह नया चलन है।’’
जरकीहोली ने बुधवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव को लेकर बहस छेड़ते हुए कहा कि राज्य में पार्टी को अधिक समय देने के लिए पूर्णकालिक नेता की जरूरत है।
उनके अनुसार, निचले स्तर पर काफी चर्चा हो रही है, लेकिन यह शीर्ष स्तर से आनी चाहिए।
बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने शिवकुमार को कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के बारे में कभी बात नहीं की।
पार्टी आलाकमान की नाराजगी के बाद बयान से पलटते हुए मंत्री ने बुधवार देर रात मीडिया पर उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया।
लोक निर्माण विभाग का प्रभार संभाल रहे जरकीहोली ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘मीडिया में आई खबरें सच्चाई से कोसों दूर हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी डी के शिवकुमार को बदलने के बारे में नहीं कहा। मैंने केवल पार्टी संगठन और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए कुछ सुझाव दिए थे।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान शीर्ष स्तर से आना चाहिए था, लेकिन यह जमीनी स्तर से आया, जहां से वह आते हैं।
इस बीच, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मंजूनाथ भंडारी ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ नेताओं से इस तरह का बयान देने से बचने को कहा।
भंडारी ने एक बयान में कहा कि जो वरिष्ठ नेता आला-कमान के आदेशों का उल्लंघन करते हैं, वे कांग्रेस के अनुशासित सिपाही नहीं हैं।
उनके मुताबिक कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नेतृत्व मजबूत है।
उन्होंने कहा कि केपीसीसी अध्यक्ष को बदलने, या पद पर किसे बने रहना चाहिये अथवा किसे मंत्री बनना चाहिये, यह फैसला आलाकमान के नेता करेंगे और किसी भी मंत्री को इस संबंध में बयान नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आलाकमान ने ऐसे बयान देने वालों के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
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