जरुरी जानकारी | अमेरिका में ब्याज दर घटने से सेंसेक्स 237 अंक चढ़कर सर्वकालिक उच्चस्तर पर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. स्थानीय शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को तेजी रही और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने नये शिखर को छू लिया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चार साल से अधिक समय बाद नीतिगत दर में कटौती के बीच सकारात्मक वैश्विक रुख से घरेलू बाजार को समर्थन मिला।

मुंबई, 19 सितंबर स्थानीय शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को तेजी रही और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने नये शिखर को छू लिया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चार साल से अधिक समय बाद नीतिगत दर में कटौती के बीच सकारात्मक वैश्विक रुख से घरेलू बाजार को समर्थन मिला।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 236.57 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने अबतक के उच्चतम स्तर 83,184.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 825.38 अंक यानी 0.99 प्रतिशत उछलकर 83,773.61 अंक के नये शिखर पर पहुंच गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 38.25 अंक यानी 0.15 प्रतिशत के लाभ के साथ 25,415.80 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 234.4 अंक यानी 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने अबतक के उच्चतम स्तर 25,611.95 अंक तक चला गया था।

सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से एनटीपीसी, नेस्ले, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल और एचडीएफसी बैंक के शेयर सबसे ज्यादा लाभ में रहे।

दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अदाणी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, टेक महिंद्रा और बजाज फाइनेंस शामिल हैं।

मार्केट्स मोजो के समूह सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अमित गोलिया ने कहा, ‘‘नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद में घरेलू बाजार में निफ्टी पिछले 10 दिन में 2.1 प्रतिशत चढ़ा है। हालांकि, आज बाजार गतिविधियां लगभग स्थिर रहीं। शुरू में जो उत्साह था, वह दोपहर में नरम पड़ गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बताता है कि बाजार पहले ही नीतिगत दर में कटौती की बात को भुना चुका है और उसे आगे की दिशा के लिए अन्य संकेतकों का इंतजार है। इसके अलावा, कच्चे तेल का भाव 52 सप्ताह के निचले स्तर पर है। साथ ही लौह अयस्क और इस्पात कई साल के निचले स्तर के आसपास है। इससे साफ है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है।’’

छोटी कंपनियों के शेयरों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप 1.06 प्रतिशत नीचे आया जबकि मझोली कंपनियों से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 0.53 के प्रतिशत नुकसान में रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत कटौती तथा आगे इसमें और कमी किये जाने के संकेत के बाद घरेलू बाजार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। हालांकि, अंत में यह हल्की बढ़त के साथ बंद हुए। नीतिगत दर में बड़ी कटौती से वैश्विक स्तर पर नरमी को लेकर चिंता बढ़ी है। इससे ऊंचे भाव पर कारोबार कर रहीं मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिली।’’

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में कारोबार के दौरान तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बुधवार को नुकसान में रहे थे।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,153.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे।

वॉलफोर्ट फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के संस्थापक विजय बी. ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती एक साहसिक कदम है। इससे आरबीआई समेत अन्य देशों के केंद्रीय बैंक भी ब्याज दर में कमी का रास्ता अपना सकते हैं।’’

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.21 प्रतिशत उछलकर 74.54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

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