जरुरी जानकारी | सेंसेक्स में 10 करोबारी सत्रों से जारी तेजी पर लगा विराम, 264 अंक टूटा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. बंबई शेयर बाजार में पिछले 10 कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया और मुनाफावसूली से सेंसेक्स 264 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, वित्त और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियों में मुनाफावसूली से बाजार में यह गिरावट आयी।
मुंबई, छह जनवरी बंबई शेयर बाजार में पिछले 10 कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया और मुनाफावसूली से सेंसेक्स 264 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, वित्त और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियों में मुनाफावसूली से बाजार में यह गिरावट आयी।
हालांकि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में सुधार तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के सतत पूंजी प्रवाह से गिरावट पर अंकुश लगा।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 48,616.66 अंक के रिकार्ड स्तर तक चला गया था। लेकिन बाद में तेजी बरकरार नहीं रही और यह 263.72 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,174.06 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 53.25 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14,146.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 14,244.15 अंक की रिकार्ड ऊंचाई तक चला गया था।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान आईटीसी को हुआ। इसमें 2.86 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एचयूएल और एचसीएल टेक शामिल हैं।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, ओएनजीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईसीआईसीआई शामिल हैं। इनमें 4.34 प्रतिशत की तेजी आयी।
वैश्विक स्तर पर मिला-जुला रुख रहा। निवेशकों की नजर जार्जिया में चुनावों पर रही। इन चुनावों के परिणाम से अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रेट्स को नियंत्रण मिल सकता है।
डेमोक्रेट्स के पक्ष में अनुकूल परिणाम से नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो-बाइडेन अपनी योजना के मुताबिक और प्रोत्साहन उपायों और बुनियादी ढांचा व्यय के लिये कदम बढ़ा सकते हैं। साथ ही कंपनी कर बढ़ने के साथ नियमन कड़े हो सकते हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘एशियाई बाजारों में कमजोर रुख और उच्च मूल्य पर मुनाफावसूली से बाजार में उतार-चढ़ाव आया। निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा बैंक कर्ज में 2020-21 की तीसरी तिमाही में अच्छी वृद्धि की घोषणा से बैंक शेयरों में तेजी रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निकट भविष्य में, बाजार की प्रवृत्ति एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) प्रवाह पर निर्भर करेगी। तीसरी तिमाही के परिणाम के आधार पर शेयर केंद्रित तेजी देखने को मिल सकती है...।’’
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई कंपोजिट सूचकांक और हांगकांग के हैंगसेंग में तेजी रही जबकि जापान में निक्की और दक्षिण कोरिया में कोस्पी नुकसान में रहे।
यूरोप में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।
इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.99 प्रतिशत बढ़कर 54.13 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे मजबूत होकर 73.11 रुपये पर बंद हुआ।
इधर, शेयर बाजार के पास उपलब्ध अस्थायी आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 986.30 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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