नयी दिल्ली, 29 सितंबर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोविड-19 से उपजे हालातों को देखते हुए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और राइट्स इश्यू जारी करने के लिए दी गई नियामकीय मंजूरी की वैधता को 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है। सेबी ने मंगलवार को एक परिपत्र जारी कर यह सूचना दी।
इसी के साथ सेबी ने उसके पास अनुमति के लिए लंबित पड़े आईपीओ दस्तावेजों के इश्यू आकार को 50 प्रतिशत तक कम अथवा बढ़ाने के मामले में भी राहत अवधि को बढ़ा दिया गया है। सेबी ने कहा कि उद्योग जगत के आग्रह के बाद यह फैसला किया गया है।
परिपत्र के मुताबिक जिन आईपीओ या राइट्स इश्यू को जारी करने की नियामकीय अनुमति की वैधता एक अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच समाप्त हो रही है। अब इन सभी की वैधता 31 मार्च 2020 तक रहेगी।
सेबी ने कहा कि इसके लिए आईपीओ या राइट्स इश्यू के मुख्य प्रबंधक को सेबी के पूंजी निर्गम और सूचना सार्वजनिकीकरण अनिवार्यता नियम (आईसीडीआर) का अनुपालन करते हुए निर्गम के अद्यतन दस्तावेज जमा करने होंगे।
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नियमानुसार सेबी से अनिवार्य टिप्पणी मिलने के बाद किसी भी आईपीओ या राइट्स इश्यू को 12 महीने के भीतर जारी करना होता है।
किसी भी सार्वजनिक निर्गम को लेकर सेबी की टिप्पणी होना जरूरी है।
सेबी ने कहा कि निर्गम लाने वाली ऐसी कोई कंपनी जिसके आईपीओ, अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) और राइट्स इश्यू को अभी तक सेबी की अनुमति नहीं मिली है, उन्हें अपने अनुमानित निर्गम में 50 प्रतिशत तक की घट-बढ़ करने की अनुमति होगी। इसके लिए उन्हें सेबी के पास नए दस्तावेज जमा नहीं कराने होंगे।
इससे पहले अप्रैल में सेबी ने एक मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच निर्गमों के लिए अनिवार्य अनुमति की वैधता उस पर दी गई टिप्पणी के तिथि से छह महीने के लिए बढ़ा दी थी।
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