केरल में नशे की गिरफ्त में हैं स्कूली बच्चे

कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें मध्य केरल के एक शहर स्थित एक होटल में छापे के दौरान पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर एक युवती को नशे में जोर-जोर से चिल्लाते हुए देखा गया था.

schools (Photo Credits: File pti)

तिरुवनंतपुरम, 12 फरवरी : कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें मध्य केरल के एक शहर स्थित एक होटल में छापे के दौरान पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर एक युवती को नशे में जोर-जोर से चिल्लाते हुए देखा गया था. इस घटना की जांच से बाद में पता चला था कि एक वक्त में मेधावी छात्रा रही युवती को मादक पदार्थ के जाल में फंसाया गया और उसका इस्तेमाल मादक पदार्थ की तस्कर के रूप में किया जा रहा था.

यह उन घटनाओं में से एक थी जिसने केरल के समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर कर रख दिया जिसके बाद सरकार ने दक्षिणी राज्य में इस अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. केरल पुलिस द्वारा 21 साल से कम आयु के युवाओं के बीच कराए एक नए सर्वेक्षण से एक और हैरतअंगज बात पता चली कि नशे की गिरफ्त में आए इन युवाओं में से 40 प्रतिशत 18 साल से कम आयु के थे. सबसे डरावनी बात यह थी कि इनमें से ज्यादातर लड़कियां थी और मादक पदार्थ के जाल में फंसने के बाद उनका इस्तेमाल तस्करों के रूप में किया जा रहा था. यह भी पढ़ें : Chickenpox: यूपी के बलिया में 20 स्कूली बच्चे, एक शिक्षक चिकनपॉक्स से संक्रमित

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एम आर अजीत कुमार ने कहा, ‘‘पहले मादक पदार्थ के मामले कॉलेजों में ज्यादा आते थे लेकिन अब स्कूलों में ज्यादा मामले आते हैं और लड़कियां मादक पदार्थ के दुरुपयोग से अधिक पीड़ित हैं.’’

राज्य पुलिस के मादक पदार्थ रोधी अभियान ‘योद्धा’ के लिए राज्य के नोडल अधिकारी कुमार ने कहा कि महिला तस्करों का इस्तेमाल अन्य लड़कियों को इस जाल में फंसाने के लिए किया जा रहा है. कुमार ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि वे पहले स्कूल जाने वाली लड़कियों से दोस्ती करती हैं और फिर धीरे-धीरे उन्हें मादक पदार्थ की खतरनाक दुनिया में धकेल देती हैं.

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