जरुरी जानकारी | एसबीआई का मुनाफा जून तिमाही में चार प्रतिशत बढ़कर 19,325 करोड़ रुपये पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के लिए 4.25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 19,325 करोड़ रुपये रहा है।
मुंबई, तीन अगस्त भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के लिए 4.25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 19,325 करोड़ रुपये रहा है।
एसबीआई ने शनिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एकल आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 17,035 करोड़ रुपये पर लगभग स्थिर रहा है।
बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 16,884 करोड़ रुपये रहा है।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि पहली तिमाही आम तौर पर धीमी होती है और कुछ "विचलन" थे, जिससे वृद्धि सीमित हो गई।
खारा का चार साल से अधिक का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है।
उन्होंने कहा कि बैंक को वित्त वर्ष की शेष अवधि में वृद्धि में तेजी आने का भरोसा है और चालू वित्त वर्ष (2024-25) में एक लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज करने वाला सबसे बड़ा ऋणदाता बनने की उनकी आकांक्षा पूरी होगी।
बैंक की मुख्य ब्याज आय 5.71 प्रतिशत बढ़कर 41,125 करोड़ रुपये हो गई।
बैंक की अन्य आय जून तिमाही में घटकर 11,162 करोड़ रुपये रह गई, जो एक वर्ष पूर्व की समान तिमाही के 12,063 करोड़ रुपये थी। खारा ने इस गिरावट का कारण विनियमन में परिवर्तन को बताया, जिसके कारण निवेश बही का पुनर्वर्गीकरण हुआ।
खारा ने तरलता कवरेज अनुपात पर आरबीआई के मसौदा मानदंडों के प्रभाव पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने बताया कि बैंक के लिए महत्वपूर्ण संख्या 129 प्रतिशत है, जबकि इसे 110 प्रतिशत तक नीचे ले जाने का संतोषजनक स्तर है।
बैंक की जमा वृद्धि जून तिमाही में आठ प्रतिशत रही और खारा ने कहा कि यदि जमा वृद्धि उसी स्तर पर बनी रहती है तो भी बैंक 15 प्रतिशत के ऋण वृद्धि लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि बैंक जमा वृद्धि को 10 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहेगा।
एसबीआई ने कहा कि उसकी कुल आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 1,22,688 करोड़ रुपये हो गई है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,08,039 करोड़ रुपये थी।
समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की ब्याज से आमदनी बढ़कर 1,11,526 करोड़ रुपये हो गई है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 95,975 करोड़ रुपये थी।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) कुल अग्रिमों में से पहली तिमाही में घटकर 2.21 प्रतिशत रह गईं, जो पिछले साल जून के अंत में 2.76 प्रतिशत थीं।
इसी तरह, इसका शुद्ध एनपीए भी जून, 2024 में घटकर 0.57 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले 0.71 प्रतिशत था।
एसबीआई का शुद्ध लाभ जून तिमाही में एकीकृत आधार पर मामूली रूप से बढ़कर 19,325 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 18,537 करोड़ रुपये था।
वहीं, इसकी कुल आय जून तिमाही में बढ़कर 1,52,125 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,32,333 करोड़ रुपये थी।
बोर्ड ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान घरेलू और/या विदेशी निवेशकों को 25,000 करोड़ रुपये तक के बेसल-3 अनुरूप अतिरिक्त टियर-1 बांड और टियर-2 बांड जारी करके रुपये या डॉलर में धन जुटाने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी।
बैंक ने कहा कि जहां भी आवश्यक होगा, धन जुटाने की प्रक्रिया केंद्र सरकार के अनुमोदन के अधीन होगी।
खारा ने शनिवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान देश के सबसे बड़े बैंक का पिछले चार वर्षों में शुद्ध लाभ उससे पहले के 64 वर्षों के कुल आंकड़ों से अधिक रहा है।
हालांकि, खारा ने इस बात पर अफसोस जताया कि 22,000 से अधिक शाखाओं के विशाल नेटवर्क और कोष तथा उत्पादों के बावजूद बैंक को "सही मूल्य" नहीं मिल रहा है। खारा का कार्यकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "पिछले चार वर्षों में हमने 1.63 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। उससे पहले के 64 वर्षों में यह 1.45 लाख करोड़ रुपये था।"
खारा ने कहा कि जब उन्होंने पदभार संभाला था, तब बैंक का वार्षिक लाभ 14,000 करोड़ रुपये प्रति तिमाही था और अब यह बढ़कर 17,000 करोड़ रुपये प्रति तिमाही हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि उनके नेतृत्व में बैंक ने उत्पादकता के मोर्चे पर भी सुधार किया है, प्रति कर्मचारी लाभ लगभग छह गुना बढ़कर 30 लाख रुपये हो गया है।
खारा ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी उच्च प्रावधानों के माध्यम से मुनाफे को झटका नहीं देंगे क्योंकि सभी प्रबंध निदेशकों ने मिलकर बहीखाता तैयार किया है।
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