जरुरी जानकारी | एसबीआई का एकीकृत शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में 9.13 प्रतिशत बढ़कर 16,099 करोड़ रुपये
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 9.13 प्रतिशत वृद्धि के साथ 16,099.58 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। बैंक ने बताया कि कर्मचारियों के लंबित वेतन और पेंशन संशोधनों के लिए अलग से रखी गई धनराशि के कारण लाभ सीमित रह गया।
मुंबई, चार नवंबर सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 9.13 प्रतिशत वृद्धि के साथ 16,099.58 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। बैंक ने बताया कि कर्मचारियों के लंबित वेतन और पेंशन संशोधनों के लिए अलग से रखी गई धनराशि के कारण लाभ सीमित रह गया।
बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 14,752 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
बैंक ने बताया कि एकल आधार पर उसका शुद्ध लाभ समीक्षाधीन तिमाही में 8.03 प्रतिशत वृद्धि के साथ 14,330.02 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 13,264.52 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, जून तिमाही के 16,884 करोड़ रुपये की तुलना में यह 15.13 प्रतिशत कम था।
कर्ज में 12.39 प्रतिशत की वृद्धि के कारण इसकी मूल शुद्ध ब्याज आय सितंबर, 2023 तिमाही में 12.27 प्रतिशत बढ़कर 39,500 करोड़ रुपये हो गई, लेकिन जमा की लागत बढ़ने के कारण शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 0.12 प्रतिशत घटकर 3.43 प्रतिशत हो गया।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि तिमाही के दौरान परिचालन लाभ आठ प्रतिशत से अधिक घटकर 19,417 करोड़ रुपये रह गया।
उन्होंने इसके पीछे एक प्रमुख कारक वेतन और पेंशन के प्रावधानों में 5,900 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि को बताया।
आलोच्य तिमाही में बैंक की कुल आमदनी 1.12 लाख करोड़ रुपये रही जो सितंबर, 2022 तिमाही में 88,733 करोड़ रुपये रही थी। एसबीआई के पास कुल बाजार का पांचवां हिस्सा है और देश में इसका सबसे बड़ा नेटवर्क है।
सितंबर, 2023 के अंत में बैंक का सकल एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) घटकर सकल कर्ज के मुकाबले 2.55 प्रतिशत हो गया, जो पिछले साल सितंबर अंत में 3.52 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत में 2.76 प्रतिशत था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा असुरक्षित ऋण देने पर सावधानी बरतने के लिए कहने पर खारा ने कहा कि इस संबंध में एसबीआई के लिए कोई चिंता नहीं है। असुरक्षित ऋणों का पोर्टफोलियो सुरक्षित ऋणों की तुलना में बेहतर है।
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