नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गरीबों को मिलने वाले आवास में घोटाले का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि शहर में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए बने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) आवास अवैध रूप से अपात्र व्यक्तियों को बेचे जा रहे हैं।
आरोपों पर डीडीए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि डीडीए के ये फ्लैट अपात्र व्यक्तियों को बेचे जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की कार्रवाई से विस्थापित हुए झुग्गीवासियों को आवास देने का वादा किया गया था जो अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और यह उपराज्यपाल की सहमति के बिना नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार और डीडीए की मिलीभगत के बिना इन फ्लैटों को भ्रष्टाचार की बलि नहीं चढ़ाया जा सकता। इतना बड़ा घोटाला भाजपा के उपराज्यपाल की नाक के नीचे हो रहा था और यह संभव नहीं है कि उपराज्यपाल को इसकी जानकारी न हो।"
उन्होंने कहा, "भाजपा हमेशा गरीबों से परेशान रहती है और उनके खिलाफ खड़ी रहती है। जब गरीबों को मुफ्त बिजली और पानी दिया गया तो भाजपा ने इसका विरोध किया। अब ये फ्लैट, जो गरीबों के लिए थे, अन्य लोगों को अवैध रूप से दिए जा रहे हैं।"
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि केवल उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के कोई कार्यरत न्यायाधीश ही पारदर्शी जांच सुनिश्चित कर सकते हैं।
भारद्वाज ने कहा, "यदि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच करते हैं, तो इस पर पर्दा डाल दिया जाएगा, क्योंकि ये एजेंसियां एलजी और केंद्र सरकार के अधीन काम करती हैं, इसलिए, पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए इस मामले की जांच उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी कार्यरत न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।"
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