सऊदी अरब में नाबालिग अपराधियों को मृत्युदंड देने और कोड़े मारने की सजा खत्म

ससे कुछ ही दिन पहले सऊदी अरब के उच्चतम न्यायालय ने किसी भी अपराधी को कोड़े मारने की सजा खत्म कर दी थी. न्यायालय ने एक बयान में कहा था कि भविष्य में न्यायाधीश कोड़े मारने के बजाय जेल, जुर्माना, फिर सामुदायिक सेवा जैसी सजाएं सुना सकते हैं. किंग सलमान के ताजा फरमान से अल्पसंख्यक शिया समुदाय के कम से कम छह अपराधियों की मौत की सजा माफ हो सकती है, जिन्होंने कथित रूप से 18 साल से कम उम्र में अपराध किया था

प्रतीकात्मक तस्वीर (File Photo)

दुबई. इससे कुछ ही दिन पहले सऊदी अरब के उच्चतम न्यायालय ने किसी भी अपराधी को कोड़े मारने की सजा खत्म कर दी थी. न्यायालय ने एक बयान में कहा था कि भविष्य में न्यायाधीश कोड़े मारने के बजाय जेल, जुर्माना, फिर सामुदायिक सेवा जैसी सजाएं सुना सकते हैं. किंग सलमान के ताजा फरमान से अल्पसंख्यक शिया समुदाय के कम से कम छह अपराधियों की मौत की सजा माफ हो सकती है, जिन्होंने कथित रूप से 18 साल से कम उम्र में अपराध किया था. इनमें सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाला अली अल निम्र नामक व्यक्ति भी शामिल है.

सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अव्वाद अल अव्वाद ने रविवार को बयान जारी कर ताजा फैसले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इससे सऊदी अरब को और आधुनिक दंड संहिता बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही कुछ जरूरी सुधार लाने की देश की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा. यह भी पढ़े-Coronavirus: सऊदी अरब के शाही परिवार में 150 लोग कोरोना से संक्रमित, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सहित सभी को क्वारंटाइन में रखा गया

उन्होंने कहा कि और अधिक सुधार किये जाने अभी बाकी हैं. ये दो फैसले दर्शाते हैं कि कि कैसे सऊदी अरब कोविड-19 से उत्पन्न दिक्कतों के बीच प्रमुख मानवाधिकार सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\