संत कबीर ने समाज को समानता और समरसता का मार्ग दिखाया: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि संत कबीर ने समाज को समानता और समरसता का मार्ग दिखाया तथा कुरीतियों, आडंबरों और भेदभाव को दूर करने के लिए प्रेरित किया.
संतकबीरनगर (उप्र) , 5 जून : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने रविवार को कहा कि संत कबीर ने समाज को समानता और समरसता का मार्ग दिखाया तथा कुरीतियों, आडंबरों और भेदभाव को दूर करने के लिए प्रेरित किया. गोरखपुर से रविवार सुबह संत कबीरनगर जिले के मगहर पहुंचे कोविंद ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया और इसके बाद उन्होंने संत कबीर अकादमी व शोध संस्थान समेत कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया. राष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''कबीर दास ने सदैव इस बात पर बल दिया कि समाज के कमजोर वर्ग से सहानुभूति और सद्भावना रखे बिना मानवता की रक्षा नहीं हो सकती है, असहाय लोगों की सहायता किए बिना समाज में समरसता नहीं आ सकती है.''
उन्होंने कबीर के हवाले से कहा, '' मनुष्य मात्र से प्रेम ही सच्चा मानव धर्म होगा और उनका पूरा जीवन मानव धर्म का श्रेष्ठतम उदाहरण है. उनके जीवन में सांप्रदायिक एकता का संदेश छिपा है.'' गौरतलब है कि मगहर में आमी नदी के तट पर संत कबीर दास का समाधि स्थल है जहां उनकी मजार और समाधि दोनों बनी हैं. राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ संत कबीर की पुण्य भूमि मगहर में आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है और संत कबीर के अनुयायियों का उत्साह, लगन तथा समर्थन देखकर मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है.’’ यह भी पढ़ें : जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर लेकिन पर्यावरण की रक्षा के उसके प्रयास बहुआयामी: मोदी
विश्व पर्यावरण दिवस पर कबीर की समाधि के पास पौधरोपण करने का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा, ''आज विश्व पर्यावरण दिवस है. कबीर की समाधि और मजार पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मैंने समाधि के निकट एक पौधा भी लगाया. मुझे याद है कि कुछ वर्ष पहले बोधगया से मैंने एक बोधि वृक्ष मंगवाया था, आज देखता हूं कि वह पौधा बड़ा हो गया है. आज लगाए गए ये सभी पौधे बड़े होकर कबीर की समाधि पर आने वालों को शीतलता प्रदान करेंगे.''