जरुरी जानकारी | डॉलर के मुकाबले रुपया 83.73 प्रति डॉलर पर स्थिर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.73 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुआ।

मुंबई, 30 जुलाई अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.73 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा 83.73 पर लगभग अपरिवर्तित रुख लिए खुली और कारोबार के दौरान 83.71-83.74 प्रति डॉलर के दायरे में रहने के बाद अंत में डॉलर के मुकाबले 83.72 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि उम्मीदें बहुत अधिक हैं कि फेडरल रिजर्व सितंबर की शुरुआत में ही ब्याज दरों में कटौती का संकेत दे सकता है। मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी आक्रामक लड़ाई में अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने पिछले साल के लिए ऋण दरों को लगभग चौथाई सदी के उच्चतम स्तर पर छोड़ दिया है।

शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘घरेलू बाजारों में मजबूती और कच्चे तेल की कमजोर कीमतों ने रुपये को सहारा दिया। हालांकि, सकारात्मक अमेरिकी डॉलर और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी के कारण तेज बढ़त को रोक लग गयी। एफओएमसी बैठक से पहले डॉलर में मजबूती आई और इसमें कुछ निवेश हुआ।’’

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि एफओएमसी बैठक से पहले सकारात्मक अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों में कमी के कारण रुपया थोड़ा नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा।’’

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 99.56 अंक की तेजी के साथ 81,455.40 अंक पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 21.20 अंक की तेजी के साथ 24,857.30 अंक पर बंद हुआ।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 104.56 पर अपरिवर्तित रहा।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.08 प्रतिशत घटकर 79.72 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 5,598.64 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

चौधरी ने कहा, ‘‘आयातकों और ओएमसी (तेल विपणन कंपनियों) की ओर से मासांत की डॉलर मांग से रुपये पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख और कच्चे तेल की कमजोर कीमतों से निचले स्तर पर रुपये को समर्थन मिल सकता है।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\