नयी दिल्ली, पांच सितंबर अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 33 पैसे की गिरावट के साथ 83.04 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और अमेरिकी मुद्रा की मजबूती से रुपये की धारणा प्रभावित हुई।
विदेशी कोषों की धन निकासी से भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.78 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 82.78 रुपये के उच्चतम स्तर और 83.07 के निम्नतम स्तर को छूने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव से 33 पैसे टूटकर 83.04 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपये ने 14 अगस्त से पांचवी बार 83 के स्तर को लांघा है।
पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 82.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी ने कहा कि मजबूत डॉलर और कमजोर एशियाई मुद्राओं के कारण रुपये में गिरावट आई है। ‘‘कमजोर वैश्विक बाजारों और भारत के निराशाजनक व्यापक आर्थिक आंकड़ों का भी रुपये पर असर पड़ा।’’
वैश्विक बाजारों में जोखिम की आशंका के बीच सुरक्षित निवेश मांग के कारण अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ, जबकि नवीनतम सर्वेक्षण से पता चला कि भारत का सेवा गतिविधि सूचकांक जुलाई में 62.3 से घटकर अगस्त में 60.1 पर आ गया, जिसके बाद रुपया दबाव में रहा।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 104.64 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 88.41 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 152.12 अंक की तेजी दर्शाता 65,780.26 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 1,725.11 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
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