2014-15 से 2020-21 के बीच पेट्रोल, डीजल पर बतौर उत्पाद शुल्क 14.4 लाख करोड़ रुपये मिले
सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2014-15 से 2020-21 के बीच पेट्रोल और डीजल पर से केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में करीब 14.4 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
नयी दिल्ली, 10 अगस्त : सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2014-15 से 2020-21 के बीच पेट्रोल और डीजल पर से केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में करीब 14.4 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2014-15 से 2020-21 के दौरान पेट्रोल और डीजल से कुल केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, जिनमें उपकर भी शामिल हैं, करीब 14.4 लाख करोड़ रुपये संग्रहित किए गए हैं.’’
उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें बाजार निर्धारित हो गई हैं और इसकी कीमतों में जल्दी-जल्दी परिवर्तन होते रहते हैं. इसके अलावा इनकी कीमतों में राज्य-वार भी भिन्नताएं होती हैं. चौधरी ने कहा कि पेट्रोल (अनब्रांडेड) पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल (अनब्रांडेड) पर यह 31.80 रुपये प्रति लीटर है. यह भी पढ़ें : भारतीय स्मार्टफोन बाजार में जून तिमाही में बिक्री 34 मिलियन यूनिट तक पहुंची : आईडीसी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय करों और शुल्कों में कर-वार हिस्सा वित्त आयोग द्वारा की गई अनुमोदित सिफारिशों के अनुसार हर महीने जारी किया जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर ‘वैट’ एकत्र करते हैं, जो राज्यों के बीच भिन्न होता है.