देश की खबरें | कश्मीर में कड़ाके की ठंड से राहत लेकिन दिन के तापमान में गिरावट

श्रीनगर, नौ जनवरी कश्मीर में, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने से शीतलहर से थोड़ी राहत मिली है , हालांकि घाटी के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के आसपास रहा। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि गुलमर्ग, सोनमर्ग-जोजिला अक्ष और कुपवाड़ा के माछिल जैसे पहाड़ी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई। उन्होंने कहा कि घाटी के कई मैदानी इलाकों में रात में हल्की बूंदाबांदी हुई।

मौसम विभाग ने रविवार शाम से ऊंचाई वाले इलाकों में कई स्थानों पर मध्यम बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई थी।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर में रविवार रात न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यहां शनिवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1 डिग्री नीचे था।

अधिकारियों ने कहा कि घाटी का प्रवेश द्वार कहलाने वाले काजीगुंड में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री दर्ज किया गया जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में यह शून्य से 0.5 डिग्री नीचे रहा। सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा में पारा 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

अनंतनाग जिले के पर्यटक रिसॉर्ट शहर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया। बीते दिन यहां तापमान शून्य से 1.4 डिग्री कम दर्ज किया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट शहर गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

रविवार को पूरी घाटी के दिन के तापमान में गिरावट आई। पहलगाम में रविवार को अधिकतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पास के काजीगुंड में 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम कार्यालय ने कहा कि ऊंचाई वाले इलाकों में कई स्थानों पर मध्यम बर्फबारी की संभावना है। घाटी के मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने की उम्मीद है। जम्मू कश्मीर में कई जगहों पर हल्की बर्फबारी और जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है।

विभाग ने कहा कि मंगलवार और बुधवार को बादल छाए रहेंगे, जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश और ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी और कहीं कहीं मध्यम बर्फबारी की संभावना है।

कश्मीर फिलहाल 40 दिनों की भयंकर सर्दी ‘चिल्लई-कलां’ की गिरफ्त में है। इस दौरान अकसर हिमपात की बहुत अधिक संभावना रहती है। यह दौर 21 दिसंबर से 30 जनवरी तक चलता है। इसके बाद घाटी में 20 दिन तक ‘‘चिल्लई-खुर्द’’ और 10 दिन तक ‘‘चिल्लई-बच्चा’’ का दौर रहता है।

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