शहीद मंगल पांडे के जन्म स्थान और जन्म तिथि संबंधी विवाद में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोध!

मंगल पांडे का प्रपौत्र होने का दावा करने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रघुनाथ पांडे ने सोमवार को बलिया जिले के पैतृक गांव नगवा में संवाददाताओं से कहा कि देश के लिए यह अत्यंत दुखद स्थिति है कि आजादी मिलने के तकरीबन 74 साल बाद भी मंगल पांडे के जन्मतिथि व जन्म स्थान की सही जानकारी आम लोगों को नहीं है.

मंगल पांडे पुण्यतिथि 2020 (Photo Credits: PTI)

बलिया: भारत (India) के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पांडे (Mangal Pandey) के परिजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से अपने इस महान पूर्वज के जन्म स्थान और जन्मतिथि को लेकर जारी विवाद को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप का अनुरोध किया है. Ballia Firing Incident: बलिया गोली कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ से किया गिरफ्तार

मंगल पांडे का प्रपौत्र होने का दावा करने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रघुनाथ पांडे ने सोमवार को बलिया जिले के पैतृक गांव नगवा में संवाददाताओं से कहा कि देश के लिए यह अत्यंत दुखद स्थिति है कि आजादी मिलने के तकरीबन 74 साल बाद भी मंगल पांडे के जन्मतिथि व जन्म स्थान की सही जानकारी आम लोगों को नहीं है.

उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि मंगल पांडे का जन्म बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था, लेकिन उन्हें फैजाबाद का बताकर विवाद की स्थिति उत्पन्न की जा रही है.

रघुनाथ पांडे ने दावा किया, "मंगल पांडे जी की वास्तविक जन्म तिथि 30 जनवरी 1831 है. मगर विकिपीडिया पर दी गयी गलत जानकारी के कारण आम लोग 19 जुलाई को जन्मदिन मना रहे हैं. मेरठ में आठ अप्रैल 1857 को मंगल पांडे को फांसी दी गई थी. दस्तावेजों में स्पष्ट अंकित है कि फांसी के समय मंगल पांडे की उम्र 26 साल दो माह और आठ दिन है. ऐसे में स्पष्ट है कि उनकी जन्म तिथि 30 जनवरी 1831 ही है। अंग्रेजी गजेटियर में भी यही उल्लेख है."

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