देश की खबरें | गगनयान मिशन का पुनर्प्राप्ति परीक्षण अभियान दूसरे चरण में
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बेंगलुरु, 22 जुलाई विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में बंदरगाह परीक्षणों की शुरुआत के साथ गगनयान मिशन का पुनर्प्राप्ति परीक्षण अभियान दूसरे चरण में प्रवेश कर गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नौसेना ने संयुक्त रूप से 20 जुलाई को परीक्षण वाहन के पहले विकास मिशन के दौरान पुनर्प्राप्ति कार्य से संबंधित पोत के साथ परीक्षण किए।
परीक्षण आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसैन्य कमान में ‘क्रू मॉड्यूल मॉकअप’ का उपयोग करके आयोजित किए गए।
इसरो ने शनिवार को एक बयान में कहा कि यह परीक्षण प्रक्रिया में ‘मॉकअप’ एक महत्वपूर्ण घटक है, जो यह सुनिश्चित करता है कि पुनर्प्राप्ति प्रक्रियाएं स्थितियों के हिसाब से बिलकुल सटीक हैं।
बयान में कहा गया कि परीक्षणों के दौरान पुनर्प्राप्ति के विभिन्न चरणों का अनुकरण किया गया, जिसमें पोत पर ‘क्रू मॉड्यूल’ को खींचना, संभालना और उठाना शामिल रहा।
इन प्रक्रियाओं को पुनर्प्राप्ति अनुक्रम के अनुसार क्रियान्वित किया गया, जिससे इसमें शामिल विभिन्न टीम की तैयारियों का प्रदर्शन होता है।
निर्बाध और सुरक्षित पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कोच्चि में जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा में चरण-1 परीक्षणों के अनुभवों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं को समायोजित किया गया।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इस पुनरावर्ती दृष्टिकोण ने सुधार करने को आसान बनाया जिससे पुनर्प्राप्ति कार्यों की दक्षता और विश्वसनीयता में वृद्धि हुई।
इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के एक दल को तीन दिन के मिशन पर 400 किमी की कक्षा में भेजने और भारतीय समुद्री जल क्षेत्र में उतारकर उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।
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